रायपुर। नर्सेस की मांगों को लेकर जेल परिसर में कलेक्टर ओपी चौधरी के नेतृत्व में चल रही बैठक बेनतीजा रही। मांगों को लेकर हड़ताली नर्सों और प्रशासन के बीच सहमति नहीं बन सकी। नर्सों को काम पर लौटने का समझाइश देकर कलेक्टर ओपी चौधरी जेल परिसर से वापस लौट गए। बैठक में कानूनी राय देने वरिष्ठ अधिवक्ता किरणमयी नायक भी मौजूद थी। उनके साथ एसडीएम संदीप अग्रवाल, डीआईजी जेल केके गुप्ता, रायपुर जेलर सहित कई अधिकारी भी पहुंचे थे।
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वहीं जेल परिसर में नर्सों और उनके परिजनों ने भी जमकर हंगामा किया। नर्सों से मिलने जेल पहुंचे परिजनों को पुलिस ने रोक लिया था। परिजनों का आरोप है कि नर्सों के लिए लाए गए नाश्ते को भी पुलिस ने फेंक दिया। नर्सों के वकीलों को भी पुलिस ने मिलने पर रोक लगा दी है।
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आपको बतादें प्रदेश में नर्सों की हड़ताल को उग्र होता देख सरकार ने हड़तात को अवैध घोषित कर एस्मा लगाया था। एस्मा लगाने के बावजूद नर्सेस हड़ताल पर डटी हुईं थी। शुक्रवार को सख्ती बरतते हुए प्रशासन ने करीब तीन हजार नर्सों को गिरफ्तार किया है। सभी नर्सेस जेल परिसर में मौजूद है। लेकिन 24 घंटे बीत जाने के बावजूद नर्सों को अबतक कोर्ट में पेश नहीं किया गया है। आज शाम जमानत के बाद नर्सेस एक बार फिर बैठक कर आगे आंदोलन की रणनीति तय करेंगी।
हड़ताली नर्सों पर सरकारी की सख्ती को छत्तीसगढ़ चिकित्सा अधिकारी संघ ने सरकार की दमनकारी नीति करार दिया है। इस कार्रवाई के विरोध में चिकित्सा अधिकारी संघ के सभी सदस्य 4 जून सोमवार काली पट्टी बांधकर अपने कार्यस्थल पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
वेब डेस्क, IBC24
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