मिशन 2018: ओबीसी वर्ग को साधने में जुटी सियासी पार्टियां

मिशन 2018: ओबीसी वर्ग को साधने में जुटी सियासी पार्टियां

मिशन 2018: ओबीसी वर्ग को साधने में जुटी सियासी पार्टियां
Modified Date: November 29, 2022 / 08:01 pm IST
Published Date: July 19, 2017 7:56 am IST

छत्तीसगढ़ में पिछले दो सालों से अनुसूचित जाति और जनजाति को साधने में जुटी बीजेपी अब ओबीसी पर भी फोकस करने जा रही है । दरअसल राहुल गांधी की ओर से दिल्ली में ओबीसी नेताओं की बैठक लेने के बाद बीजेपी ओबीसी वोटरों को लेकर सतर्क हो गई है । 22 जुलाई से शुरू हो रही प्रदेश कार्यसमिति में भाजपा ओबीसी वर्ग को लेकर रणनीति बना सकती है । 

अब तक अनुसूचित जाति और जनजाति वोटों को साधने में जुटी बीजेपी अब कांग्रेस की रणनीति के मद्देनजर ओबीसी वर्ग के साथ भी संतुलन साधते हुए आगे बढ़ना चाहती है. इस रणनीति को अमली जामा पहनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी की 22 और 23 जुलाई को कोरबा में होने वाली प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में खास मथन होगा. बैठक में संगठन के कार्यक्रमों की समीक्षा करने के साथ ही नए कार्यक्रम तय किए जाएंगे. साथ ही किसानों, अनुसूचित जाति, जनजाति और ओबीसी वर्गों के लिए बनाई गई टॉस्क फोर्स की रिपोर्ट पर भी चर्चा होगी.

दरअसल कांग्रेस के परंपरागत वोटर रहे ST-SC के बीच बीजेपी की बढ़ती पैठ को देखते हुए अब कांग्रेस ने सर्वाधिक वोटर वाले ओबीसी वर्ग पर फोकस किया है. यही वजह है कि राहुल गांधी ने पिछले दिनों दिल्ली में ओबीसी नेताओं की बैठक ली थी. इधर बीजेपी को लगता है कि कांग्रेस कन्फ्यूज्ड है और कम से कम छत्तीसगढ़ में उसे किसी भी वर्ग का विशेष समर्थन नहीं मिलेगा।कार्यसमिति की बैठक में ओबीसी के कल्याण के लिए नई योजनाएं बनाने की सिफारिश भी सरकार से की जा सकती है। देखना होगा कांग्रेस की रणनीति को बीजेपी कितना जवाब दे पाती है । 

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