चुनाव से पहले दाग अच्छे नहीं, बेगुनाही के लिए नेता लगा रहे जुगत, पीएमओ में शिकायत

चुनाव से पहले दाग अच्छे नहीं, बेगुनाही के लिए नेता लगा रहे जुगत, पीएमओ में शिकायत

चुनाव से पहले दाग अच्छे नहीं, बेगुनाही के लिए नेता लगा रहे जुगत, पीएमओ में शिकायत
Modified Date: November 29, 2022 / 08:07 pm IST
Published Date: August 23, 2018 11:28 am IST

ग्वालियर। जैसे-जैसे मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव करीब आ रहे हैं,। वैसे ही टिकट के दावेदारों ने अपने ऊपर चल रहे मामलों को सरकार की भ्रष्ट्राचार की जांच एजेंसियों से वापस लेने और चालान पेश नहीं करने के के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया हैं। ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले से समाने आया है। यहां लगभग 7 करोड़ रुपए के रोड स्कैम मामले में पूर्व राज्य मंत्री जय सिंह कुशवाह के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस बीते डेढ़ साल में चालान पेश नहीं कर पाई है। इसे लेकर स्कैम का खुलासा करने वाले आरटीआई एक्टिविस्ट ने सरकार से लेकर PM नरेंद्र मोदी तक इस मामले की शिकायत की है।

ग्वालियर शहर की बढ़ती आबादी का लो़ड कम करने के मकसद से विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (साडा) को बसाने की योजना बीते 15 सालों से सरकारी फाइलों से लेकर दफ्तर-दफ्तर घूम रही है, लेकिन मूर्तरूप नही ले पा रही है। जबकि इस योजना पर केंद्र और राज्य सरकार का 600 करोड़ रूपए से ज्यादा का खर्च हो चुका है। ऐसे में अब इस प्रोजेक्ट में घोटाले भी होना शुरू हो गए है

 ⁠

यह भी पढ़ें : बस्तर के 211 शिक्षाकर्मियों के डिमोशन पर रोक, पदोन्नत पद पर रहेंगे, शालेय शिक्षाकर्मी संघ का आभार

बीते साल एक घोटाला साडा क्षेत्र में सड़कों के निर्माण को लेकर हुआ था। सका खुलासा आरटीआई एक्टिविस्ट ने किया। साथ ही इस मामले में साडा के पूर्व अध्यक्ष जय सिंह कुशवाह सहित 14 लोगों पर मामला भी लोकायुक्त में दर्ज हो गया। लेकिन डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी इस घोटाले की चार्जशीट को लोकायुक्त कोर्ट में पेश नही कर सकी है। ऐसे में आरटीआई एक्टिविस्ट का आरोप है कि इस घोटाले के मुख्य कर्ताधर्ताओं को चुनाव के लिए हरी झंड़ी देने की कोशिश की जा रही है। साथ ही उन पर भी दबाब बनाया जा रहा है

वैसे लोकायुक्त पुलिस ने साडा क्षेत्र की मोतीझील से तिघरा तक सड़क निर्माण में की गई आर्थिक अनियमितता की जांच लगभग पूरी कर ली है। साथ ही इस मामले की पूरी रिपोर्ट लोकायुक्त के मुख्यालय भी भेज दी गयी है। सूत्रों के मुताबिक इस रिपोर्ट में साडा के पूर्व अध्यक्ष जय सिंह कुशवाह, पूर्व सीईओ अदित्य तोमर ओर दो लोगों को हरी झंडी दी गयी है। ऐसे में फिलहाल लोकायुक्त पुलिस इस स्कैम पर कुछ भी कहने से बच रही है। तो वहीं अपने वकील को आगे खड़ा करके इस मामले में जल्द चालान पेश करने की बात कह रही है। साथ ही कह रही है, कि उसका विवेक है कि वह जब चाहें तब चालान पेश कर सकती है। वैसे नियमों के मुताबिक 90 दिन के अंदर चालान पेश होना चाहिए

यह भी पढ़ें : अटल की अस्थियां राजिम संगम में की गई विसर्जित, रमन समेत सभी मंत्री रहे मौजूद

ऐसे हुई अनियमितताओं की जिम्मेदारी तय, अनुबंध की शर्तों के विपरीत परफॉर्मेंस सिक्योरिटी की राशि की वसूली तय किए जाने के लिए साडा के तत्कालीन लेखाधिकारी एमके अग्रवाल, तत्कालीन कार्यपालन यंत्री डीके मिश्रा, तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी आदित्य सिंह तोमर जिम्मेदार हैं। ठेकेदार को हुए अधिक भुगतान की वसूली ब्याज सहित नहीं की गई और उसको लाभ पहुंचाया गया। इस काम के लिए तत्कालीन उपयंत्री लेखाधिकारी, अधीक्षण यंत्री सहित साडा सीईओ जिम्मेदार हैं। एसओआर में प्रावधित डिस्मेंटलिंग आइटम के स्थान पर बिटुमिनस सर्फेस आइटम लेने के साथ-साथ ठेकेदार को 53 लाख 62 हजार 189 रुपए का भुगतान कर दिया गया। ये सब काम पूर्व साडा अध्यक्ष और राज्य मंत्री जयसिंह कुशवाह की निगरानी में हुआ था। इसलिए इन पर भी मामला दर्ज किया गया था। अब इस घोटाला में मेन पेंच ये है कि पूर्व साडा अध्यक्ष और राज्य मंत्री जयसिंह कुशवाह नरेंद्र सिंह तोमर के सबसे करीबी है वह ग्वालियर पूर्व विधानसभा से बीजेपी में माया सिंह के बाद सबसे प्रबल दावेदारों में से एक के रूप में जाने जाते है। ऐसे में आरोप लग रहे है, कि इस घोटाले में उन्हें क्लीनचिट देने के साथ-साथ इस घोटाले के चालान को पेश करने में लोकायुक्त पुलिस की और से देरी की जा रही है।

वेब डेस्क, IBC24


लेखक के बारे में