सरकारी बैंकों का निजीकरण न सिर्फ़ कर्मचारियों के लिए बल्कि पूरे देश के लिए ख़तरनाक- विकास उपाध्याय

सरकारी बैंकों का निजीकरण न सिर्फ़ कर्मचारियों के लिए बल्कि पूरे देश के लिए ख़तरनाक- विकास उपाध्याय

सरकारी बैंकों का निजीकरण न सिर्फ़ कर्मचारियों के लिए बल्कि पूरे देश के लिए ख़तरनाक- विकास उपाध्याय
Modified Date: November 29, 2022 / 08:59 pm IST
Published Date: March 16, 2021 1:33 pm IST

असम। अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय सचिव विकास उपाध्याय ने मोदी सरकार द्वारा सरकारी बैंकों का निजीकरण किये जाने के खिलाफ देश के सबसे बड़े बैंक कर्मचारी संगठन यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के हड़ताल का समर्थन करते हुए कहा, कांग्रेस सरकारी बैंक कर्मियों के साथ खड़ी है और हमारे नेता राहुल गांधी खुद इस हड़ताल का समर्थन कर चुके हैं। विकास ने बैंक के समस्त कर्मचारियों एवं अधिकारियों से अपील की है कि वे विधानसभा के इन चुनावों में वोट के माध्यम से भी भाजपा के खिलाफ अपना विरोध दर्ज करें।

ये भी पढ़ें:मेडिकल बुलेटिन: छत्तीसगढ़ में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ्तार, एक ही दिन में मिले इतने नए मरीज, 7 की मौत

विकास उपाध्याय असम में होने वाले पहले चरण के मतदान के ठीक पहले आंदोलनरत सरकारी बैंक कर्मियों के पक्ष में एक सार्वजनिक बयान जारी कर एलान किया है कि कांग्रेस बैंक कर्मियों के इस हड़ताल का पूरा समर्थन करती है। उन्होंने कहा, किसान आंदोलन की तरह इस आंदोलन को भी भाजपा की मोदी सरकार अपनी हटधर्मिता के चलते लंबे समय तक चलने मजबूर करेगी। इसका सिर्फ अब एक ही रास्ता है,भाजपा को आसन्न चुनाव वाले राज्यों से सफाया कर सबक दिखाई जाए।विकास उपाध्याय ने सरकारी बैंक कर्मियों से अपील की है कि वे भाजपा के खिलाफ वोट दे कर अपना विरोध दर्ज करें।

 ⁠

ये भी पढ़ें: यहां एक सप्ताह के लिए कड़ा लॉकडाउन लागू, पहले दिन सैंकड़ों लोगों पर जुर्माना

विकास उपाध्याय ने कहा,निजी बैंक देश के सभी हिस्सों को आगे बढ़ाने की अपनी सामाजिक ज़िम्मेदारी जब निभा नहीं पा रहे थे और सिर्फ़ अपने मालिक सेठों के हाथ की कठपुतलियां बने हुए थे तो ऐसे समय में इंदिरा गांधी की कांग्रेस सरकार ने 14 बैंकों का 1969 में राष्ट्रीयकरण कर लोगों को राहत दी थी।लेकिन बैंक राष्ट्रीयकरण के 52 साल बाद अब मोदी सरकार इस चक्र को उल्टी दिशा में घुमा रही है। जबकि आज सरकारी बैंकों को मज़बूत करके अर्थव्यवस्था में तेज़ी लाने ज़िम्मेदारी सौंपने की ज़रूरत है। विकास उपाध्याय ने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा,मुनाफे में चल रहे बैंको को चलाना मोदी सरकार को व्यापार करना नजर आता है और जब बड़े उद्योगपति के हजारों करोड़ रुपये कर्ज माफ किये तो वो क्या था दलाली?

ये भी पढ़ें:सोने की कीमतों में 12214 रुपए की गिरावट, जानिए आज क्या है 24 Gold का प्रति 10 ग्राम भाव

विकास उपाध्याय ने आगे कहा,प्राइवेट बैंक देश हित की नहीं अपने मालिक के हित की ही परवाह करते हैं। इसीलिए यह फ़ैसला न सिर्फ़ कर्मचारियों के लिए बल्कि पूरे देश के लिए ख़तरनाक है। उन्होंने कहा,पिछले कुछ सालों में जिस तरह आईसीआईसीआई बैंक, येस बैंक, एक्सिस बैंक और लक्ष्मी विलास बैंक की गड़बड़ियां सामने आईं हैं इससे स्पष्ट है कि सरकार की यह तर्क भी कमज़ोर पड़ता है कि निजी बैंकों में बेहतर काम होता है और यह भी सच है कि जब कोई बैंक पूरी तरह डूबने की हालत में पहुँच जाता है तब यह ज़िम्मेदारी किसी न किसी सरकारी बैंक के ही मत्थे मढ़ी जाती है। यही वजह है कि आज़ादी के बाद से आज तक भारत में कोई शिड्यूल्ड कॉमर्शियल बैंक डूबा नहीं है।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com