राजधानी में गांजे की बडी खेप बरामद होने के बाद पुलिस का एसआईबी विंग अलर्ट हो गया है और स्थानीय पुलिस से पुरा विवरण तलब किया है….दरअसल ओडिशा के मलकानगिरी और बस्तर से लगे सीमांत इलाकों से राजधानी रायपुर के रास्ते से हर महीने गांजे की बड़ी खेप मप्र, यूपी, दिल्ली, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल ले जाने से पहले रायपुर में जमा की जाती है….तस्करों का संगठित गिरोह इस काम को अंजाम दे रहा है….रविवार को दो गांजा तस्करांे के गिरफ्तार होने के बाद एसआईबी इन तस्करो से गहन पुछताछ कर रहा है…हालांकि प्ररभिंक पुछताछ में नक्सलियो के तार गांजा तस्करी से नही जुडे है लेकिन पुलिस के आलाधिकारी संबंध इससे इंकार भी नही कर रहे है।
पिछले चार-पांच महीने में अकेले राजधानी में करीब 7 क्विंटल गांजे के साथ 20 से अधिक तस्कर पकड़े गए…जो सभी बस्तर से लगे उडीसा से गांजा लाने की बात स्वीकार की है….. पुलिस की गिरफ्त में आए तस्करों ने पूछताछ में खुलासा किया कि छत्तीसगढ़ से लगे ओडिशा के सीमांत क्षेत्र मलकानगिरी, जयपुर और नवरंगपुर के साथ ही बस्तर के कोंटा इलाके के धनपूंजी बैरियर से हर महीने 70 से 80 लग्जरी गाड़ियों के साथ यात्री बसों से भी गांजे की बड़ी खेप रायपुर के रास्ते आसपास के दूसरे राज्यों में पहुंचाई जा रही है। तस्करी का यह खेल सेटिंग पर धड़ल्ले से चल रहा है। इस काम के एवज में बेरियर के कर्मी, बस के चालक तथा कुरियर का काम करने वालों को हर खेप पर मोटी रकम मिलती है…फिलहाल पुलिस की एसआईबी विंग गांजे की तस्करी में नक्सलियो के संबंध को तलाश रही है।