रेमडेसिवीर इंजेक्शन और अन्य दवाइयों को आवश्यक वस्तु अधिनियम में अधिसूचित करने का अनुरोध | Request for notifying of Remdesivir Injection and other medicines in the Essential Commodities Act

रेमडेसिवीर इंजेक्शन और अन्य दवाइयों को आवश्यक वस्तु अधिनियम में अधिसूचित करने का अनुरोध

रेमडेसिवीर इंजेक्शन और अन्य दवाइयों को आवश्यक वस्तु अधिनियम में अधिसूचित करने का अनुरोध

रेमडेसिवीर इंजेक्शन और अन्य दवाइयों को आवश्यक वस्तु अधिनियम में अधिसूचित करने का अनुरोध
Modified Date: November 29, 2022 / 08:57 pm IST
Published Date: April 29, 2021 7:32 pm IST

रायपुर, 29 अप्रैल (भाषा) छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को पत्र लिखकर रेमडेसिवीर इंजेक्शन समेत अन्य औषधियों को आवश्यक वस्तु अधिनियम के अंतर्गत अधिसूचित करने का अनुरोध किया है।

राज्य के जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि मुख्यमंत्री बघेल ने आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत कोविड-19 संक्रमण के प्रबंधन के लिए आवश्यक दवाओं की अधिसूचना के संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को पत्र लिखा है।

अधिकारियों ने बताया कि बघेल ने पत्र में लिखा है कि देश के अन्य राज्यों की तरह छत्तीसगढ़ में भी कोविड-19 की दूसरी लहर के अंतर्गत संक्रमण के मामलों में वृद्धि दर्ज की जा रही है। इस महामारी के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में 25 अप्रैल तक 6,52,362 मामले दर्ज किए गए हैं। आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 अंतर्गत औषधियों को आवश्यक वस्तुओं में शामिल किया गया है। औषधि का अर्थ औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 के तहत अधिसूचित औषधियों से है।

बघेल ने कहा है कि भारत सरकार ने इससे पहले भी कोविड-19 से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए मास्क (2 और 3 प्लाई सर्जिकल मास्क और N95 मास्क) तथा हैंड सैनिटाइजर को आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के अंतर्गत अधिसूचित किया था जिससे महामारी की पहली लहर से निपटने में अत्यंत सहायता मिली।

मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है कि कोविड-19 की वजह से राज्य में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए मरीजों के उपचार के लिए रेमडेसिवीर इंजेक्शन, आइवरमेक्टिन टैबलेट्स, एनोक्सापारिन इंजेक्शन, डेक्सामेथासोन टैबलेट और इंजेक्शन, टोसिलिजुमैब इंजेक्शन तथा फेविपिराविर कैप्सूल की मांग बढ़ गयी है। इन औषधियों की बड़ी मांग के कारण इनके जमाखोरी तथा काला बाजारी की शिकायतें भी लगातार प्राप्त हो रही है जिसकी वजह से मरीजों के उपचार में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।

बघेल ने कहा है कि राज्य सरकार ने इन औषधियों की कालाबाजारी को रोकने के कई निर्णायक कदम उठाए हैं। इसमें अस्पतालों में दवाओं के वितरण तथा उपयोग पर लगातार निगरानी, विशेष टास्क फोर्स का गठन, आकस्मिक जांच और कालाबाजारी की खबर मिलने पर तत्काल दबिश इत्यादि शामिल हैं।

मुख्यमंत्री बघेल ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन से अनुरोध किया है कि विड-19 महामारी की स्थिति को ध्यान में रखते हुए इन औषधियों को आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत आवश्यक वस्तुओं के रूप में तत्काल अधिसूचित किया जाए।

भाषा संजीव

रंजन

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