ग्वालियर। SC-ST एक्ट के संबंध में दिए गए सीएम शिवराज के बयान के बाद मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में जवाब पेश करते हुए शिवपुरी एसपी राजेश हिंगणकर ने कहा कि शासन की ओर से भी उन्हें कोई लिखित निर्देश नहीं मिला है कि एससी-एसटी एक्ट के मामलों में बिना जांच के गिरफ्तारी नहीं करना है। जवाब को अस्पष्ट बताते हुए जस्टिस जीएस अहलूवालिया ने पूछा- क्या आप जानते हैं कि इस जवाब के क्या परिणाम निकलेंगे?
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बता दें कि कोर्ट के कड़े रुख को देखते हुए सरकारी वकील ने विस्तर से जवाब पेश करने का वक्त मांगा, जिसपस कोर्ट ने अगली सुनवाई 11 अक्टूबर तय की है। साथ ही ऐसे मामलों में आरोपी को गिरफ्तार करने के संबंध में प्रस्तावित जांच का तरीका भी स्पष्ट करने के लिए कहा है।
क्या था मामला?
1 अक्टूबर को कोर्ट ने अतेंद्र सिंह रावत की अपील पर सुनवाई करते हुए शासन को ये बताने के लिए कहा था कि क्या मुख्यमंत्री ने ये बयान दिया है कि एससी-एसटी एक्ट के मामलों में बिना जांच के गिरफ्तारी नहीं होगी? और क्या मध्य प्रदेश में इसका पलन हो रहा है? जिसपर आज सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि समाचार पत्रों में 20 सितंबर को मुख्यमंत्री का यह बयान प्रकाशित हुआ था कि एससी-एसटी एक्ट के मामलों में बिना जांच के गिरफ्तारी नहीं होगी।
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वहीं, इस मामले पर कोर्ट ने चिंता जताते हुए पूछा है कि क्या मप्र में एससी-एसटी एक्ट के मामलों में गिरफ्तारी से पहले जांच की जाएगी या नहीं?
वेब डेस्क, IBC24