Arun Goyal : आखिर क्या है चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के इस्तीफे की असली वजह? चुनाव नजदीक आते ही क्यों उठाया इतना बड़ा कदम? सामने आई ये बड़ा सच
आखिर क्या है चुनाव आयुक्त अरुण गोयल की इस्तीफे की असली वजह?Story of resignation of Election Commissioner Arun Goyal
Story of resignation of Election Commissioner Arun Goyal
Story of resignation of Election Commissioner Arun Goyal : नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव की उलटी गिनती शुरू हो गई है। कभी भी आचार संहिता का ऐलान हो सकता है। लेकिन इससे पहले एक बड़ी खबर शनिवार को सामने आई थी। शनिवार को चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने इस्तीफा दे दिया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। निर्वाचन आयोग में पहले से ही चुनाव आयुक्त का एक पद खाली था। गोयल के इस्तीफे के बाद अब केवल मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ही बचे हैं। बता दें कि निर्वाचन आयोग में चीफ इलेक्शन कमिश्नर के अलावा दो और इलेक्शन कमिश्नर होते हैं।
अरुण गोयल के इस्तीफे के बाद सस्पेंस से जुड़ी कई बातें सामने आ रही है। हालांकि बता दें कि अरुण गोयल का कार्यकाल अभी खत्म नहीं हुआ था। 2027 में अरुण गोयल का कार्यकाल खत्म होने वाला था लेकिन उससे पहले ही अरुण गोयल ने अपना इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद कई बातें लोगों के दिमाग में आ रही हैं।
सूत्रों अनुसार ऐसा माना जा रहा है कि गोयल के कुछ मुद्दों पर मुख्य निर्वाचन आयुक्त के साथ मतभेद तो थे। ये अलग बात है कि अमूमन बड़े अधिकारियों के बीच इतने मतभेद तो चलते हैं रहते हैं, लेकिन छह और सात मार्च को आयोग में माहौल थोड़ा अलग महसूस किया गया। आठ मार्च को केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला निर्वाचन सदन आए थे। अजय भल्ला ने निर्वाचन आयोग के अधिकतर राज्यों में चुनावी तैयारियों को समीक्षा के बाद आम चुनाव के दौरान सुरक्षा बलों की तैनाती और आवाजाही का प्लान चेक किया। इसका उद्देश्य था कि जम्मू कश्मीर, छत्तीसगढ़, झारखंड, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र सहित पूरे देश में चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष, सहज और निर्भय माहौल में कराए जा सकें।
सूत्रों के मुताबिक उस मीटिंग में भी गोयल गैर हाजिर थे। सीईसी राजीव कुमार अकेले थे। उस मीटिंग में गृह सचिव और अन्य अधिकारियों के साथ चर्चा में राजीव कुमार के साथ अन्य निचले पायदान के आला अधिकारी मौजूद थे। सूत्र बता रहे हैं कि पहले से चले आ रहे हल्के-फुल्के मतभेद 6-7 मार्च की रात में गहरा गए। इसी में बात कुछ ऐसी निकली कि इतनी दूर तक चली गई।
जानकारी के लिए बता दें कि अरुण गोयल के इस कदम के बाद अब चुनाव आयोग में 2 रिक्तियां हो गई हैं। चुनाव आयोग में कमिश्नर के अब दो पद खाली हो गए हैं। अरुण गोयल ने 21 नवंबर 2022 को चुनाव आयुक्त का प्रभार ग्रहण किया था। 1985 बैच के आईएएस अधिकारी अरुण गोयल ने अरुण गोयल पहले सचिव, भारी उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार के रूप में काम कर चुके हैं।
नए पदों पर नियुक्ति
अब सरकार निर्वाचन आयोग में खाली हुए आयुक्तों के पद 15 मार्च तक भरने की कवायद में जुटी है। अब तक एक ही निर्वाचन आयुक्त की बहाली में जुटी सरकार को आनन-फानन में दो निर्वाचन आयुक्तों की बहाली की कसरत करनी पड़ रही है। सरकार में उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक 6-7 अफसरों का पैनल तो पहले से ही तैयार है।

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