आसान नहीं रहा जीवन का रास्ता,लेकिन मैं भी डटी रही : मान्या सिंह
आसान नहीं रहा जीवन का रास्ता,लेकिन मैं भी डटी रही : मान्या सिंह
मुंबई, 14 फरवरी (भाषा) मिस इंडिया मंच तक पहुंचने के बाद मान्या सिंह याद करती हैं कि कैसे जब उन्होंने ‘ब्यूटी पेजेंट’ को चुनने की बात कही थी तो उनके घर वालों ने कहा था, ‘‘हमारे जैसे लोग सपने भी नहीं देखते हैं और तुम मिस इंडिया के बारे में सोच रही हो?’’
सिंह का कहना है कि यह सुनने के बावजूद वह समाज के निचले तबके से आने वाली महिलाओं की आवाज बनना चाहती थीं और उन्हें लगा कि मिस इंडिया का मंच लक्ष्य पाने में उनकी मदद करेगा।
मुंबई में ऑटो रिक्शा चालक पिता की बेटी मान्या सिंह का पालन-पोषण उत्तर प्रदेश के छोटे से कस्बे हाटा में हुआ। 19 वर्षीय सिंह पिछले सप्ताह हुए समारोह में वीएलसीसी फेमिना मिस इंडिया रनर-अप, 2020 रहीं।
सिंह ने पीटीआई को बताया, ‘‘मुझे एहसास हुआ कि मिस इंडिया एक ऐसा मंच है जहां मैं अपनी बात, अपने विचार रख सकती हूं। ऐसे महिलाओं की आवाज बन सकती हूं जिन्हें कहा जाता है कि उन्हें बोलने का अधिकार नहीं है, जिन्हें एक दायरे में बांध कर रखा जाता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘खास तौर से गांवों में, जहां उन्हें अपने पहनने और पढ़ने तक की आजादी नहीं है। मुझे बहुत पहले एहसास हो गया था कि मुझे मिस इंडिया तक पहुंचना होगा, इसलिए मेरी सभी तकलीफें और कदम-दर-कदम यहां तक की यात्रा सिर्फ इसी कारण से थी।’’
सिंह ने बताया कि उनके रनर-अप चुने जाने पर उनके माता पिता ‘‘बहुत खुशी और गर्व महसूस कर रहे हैं’’ लेकिन यहां तक उनकी यात्रा अड़चनों से भरी रही है।
भाषा अर्पणा नरेश
नरेश

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