अंधविश्वास पर गहरी आस्था, फिर एक महुआ पेड़ सोशल मीडिया में वायरल, छूने से मर्ज ठीक होने का दावा.. देखिए

अंधविश्वास पर गहरी आस्था, फिर एक महुआ पेड़ सोशल मीडिया में वायरल, छूने से मर्ज ठीक होने का दावा.. देखिए

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  • Publish Date - November 29, 2019 / 05:36 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:47 PM IST

जबलपुर, मध्यप्रदेश। होशंगाबाद के बाद अब जबलपुर में भी महुआ पेड़ का जादू चल रहा है। यहां आए दिन दूर-दूर से लोग पहुंच का अपना मर्ज ठीक होने का दावा कर रहे हैं। इस महुआ के पेड़ को आस्था कहे या अंधविश्वास। या अंधविश्वास पर भारी पड़ रही आस्था ऐसा ही देखने को मिल रहा है जबलपुर जिले से 50 किलोमीटर दूर वरगी विधानसभा अंतर्गत तिंसा ग्राम पंचायत के लोढ़ी पिपरिया गांव में। जहां एक महुआ के पेड़ में लोग पूजा कर रहे है। लोगों में इस पेड़ के प्रति इतनी आस्था है कि लोग ईश्वर का स्वरुप मान पूजा अर्चना कर रहे हैं। खासकर महिलाओं में काफी श्रद्धा भक्ति देखी जा रही है। सुबह होते ही हुजूम उमड़ पड़ता है और पूजा अर्चना का सिलसिला देर शाम तक चलता रहता है।

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लोग चमत्कार मानकर पेड़ को छूने के लिए पहुंच रहे हैं, तो वहीं कुछ लोग इस भीड़ को देखकर भी हैरान है। हालांकि अभी तक किसी की बीमारी यहां ठीक हुई हो ऐसा किसी ने दावा नहीं किया है, लेकिन लोगों का लगातार यहां पहुंचना जारी है। लोगों का मानना है कि पेड़ में भगवान शिव शंकर की कृपा से कोई दैवीय शक्ति विराजमान है। क्योंकि इसके पास पहुंचने पर पेड़ लोगों को अपने पास खींचता है। इस बात की सूचना आग की तरह सोशल मीडिया के चलते फैल गई। लगभग पंद्रह दिनों में करीब लाखों लोग चमत्कारी पेड़ को छूने पहुंच चुके हैं।

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बताया जा रहा है कि गांव का कहना है कि इस पेड़ पर एक ऐसा प्रकाश दिखा की देखकर आंखे फटी की फटी रह गई। जब पास में जाकर पेड़ को छूकर देखा तो शान्ति मिली और जब गांव के लोगों ने महुआ के पेड़ की पूजा अर्चना की तो उनके रोग और दर्द गायब हो गए। तभी आसपास के लोगों ने भी इसे आजमाया, जिसके बाद से ही यहां लोग पहुंच रहे हैं। यह पेड़ तिंसा ग्राम पंचायत के वरगी विधानसभा क्षेत्र में आता है। बताया जा रहा है कि सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक मैसेज के बाद लोगों में ये भ्रांति फैल गई है कि इस पेड़ को छूने से कोई भी बीमारी जड़ से खत्म हो जाती है। बस इसी बात को सच मानकर रोजाना हजारों की तादाद में लोग केवल इस पेड़ को छूने पहुंच रहे हैं।

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हालत ये है कि प्रशासन के लिए हजारों लोगों की इस भीड़ को संभालना मुश्किल हो गया है। पुलिस, प्रशासन व वन विभाग अंधविश्वास के कारण लगे इस मेले से सभी बुरी तरह परेशान हैं और जंगल के कानून भी बेअसर हो गए हैं। महुआ के पेड़ की कहानी सोशल मीडिया से शुरू हुई और यह खेल आज एक आस्था या फिर कहें अंधविश्वास के रूप में बड़ा रूप ले चुका है। लोगो ने आस्था के नाम पर चंदा इकट्ठा करना भी चालू कर दिया है। ग्रामीण आने जाने वाले लोगों से व्वस्था के नाम पर पैसे लेकर मोटी रकम वसूल रहे हैं।

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IBC24 महुआ के पेड़ की छूने से इलाज होने की कतई पुष्टि नहीं करता। आज ऐसा कोई नहीं है जो परेशानियों और बीमारियों से न घिरा हो, लेकिन कुछ लोग बस इसी बात फायदा उठाते हैं। अंधविश्वास की जड़े इतनी मजबूत होती है कि आसानी से लोग इसके चंगूल में फंस जाते हैं। बता दें हाल में होशंगाबाद में भी ठीक ऐसे ही महुआ के पेड़ को छूने से बीमारी ठीक होने की भ्रांतियां फैलाई गई थी। वॉट्सएप और यूट्यूब में बकायदा पेड़ का वीडियो भी वायरल किया गया था। एक दिन में लाखों लोग पेड़ को छूने जूट रहे थे। लेकिन बीमारियां किसी की दूर नहीं हो रही थी। बाद में प्रशासन ने पेड़ के पास धारा 144 लगाकर बढ़ रहे अंधविश्वास पर रोक लगाया था।

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