गरियाबंद। जिला मुख्यालय गरियाबंद के लोगों को पता ही नहीं और गरियाबंद में जमीन के नीचे सुरंग खोदी जा रही है। यही नहीं अब तक 150 मीटर सुरंग खोद भी दी गई है। इसका पता केवल चंद अधिकारियों को ही है। दरअसल गरियाबंद इलाके की सिंचाई के लिए दो नहर बनाने की योजना थी जिसमें से बाई तट नहर का कार्य बीते लंबे समय से चल रहा है।
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लेकिन नहर के कार्य में उस वक्त बाधा पड़ गई। जब नहर के लिए तय की गई जमीन पर कुछ साल पहले अटल बाजार व्यवसायिक परिसर बनाकर उसे व्यापारियों को दे दिया गया। वहीं इस नहर के रास्ते में नेशनल हाईवे भी बीच में आ रहा था। इसके अलावा नहर की चौड़ाई के जद में ही जनपद कार्यालय और बड़े पेड़ भी आ रहे थे।
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इन सब के बाद सिंचाई विभाग के अधिकारी पी के आनंद ने एक ऐसी योजना बनाई जिसके बाद अधिकारियों ने 365 मीटर लंबाई तक नहर की बजाय नहर का पानी जमीन के 20 फीट नीचे सुरंग से ले जाने का फैसला किया। जिसके बाद 2 करोड़ 27 लाख रुपए में कारी स्वीकृत हुआ। सम्भवतः पहली बार प्रदेश में इस तरह इतनी लंबी सुरंग खोदकर सिंचाई व्यवस्था के लिए बनाए जाने का प्रदेश में पहली घटना हैं।
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