जब अमित शाह की गुगली में फंस गए कपिल सिब्बल, आखिरकार बोलना पड़ा कि 'सीएए किसी की नागरिकता नही छीनेगा' | When Kapil Sibal got caught in Amit Shah's googly, finally he had to say 'CAA will not take away anyone's citizenship'

जब अमित शाह की गुगली में फंस गए कपिल सिब्बल, आखिरकार बोलना पड़ा कि ‘सीएए किसी की नागरिकता नही छीनेगा’

जब अमित शाह की गुगली में फंस गए कपिल सिब्बल, आखिरकार बोलना पड़ा कि 'सीएए किसी की नागरिकता नही छीनेगा'

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:27 PM IST, Published Date : March 13, 2020/10:13 am IST

नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून पर गुरुवार को गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य सभा में कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल को अपनी गुगली में फंसा लिया। दरअसल अमित शाह दिल्ली दंगों पर चर्चा का जवाब दे रहे थे। बात दंगों से होते हुए एनपीआर और सीएए पर पहुंची। गृह मंत्री ने विपक्षी नेताओं पर सीएए और एनपीआर पर अल्पसंख्यकों खासकर मुसलमानों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह भ्रम फैलाया गया कि उनकी नागरिकता छिन जाएगी। इस दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल बोले कि किसी ने नही ​कहा कि सीएए किसी की नागरिकता छीनेगा।

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फिर क्या था। ट्विटर पर कपिल सिब्बल ट्रेंड करने लगे। बीजेपी को उनके बयान से कांग्रेस को घेरने का मौका मिल गया। बीजेपी आईटी सेल के इंचार्ज अमित मालवीय ने सिब्बल के बयान के हिस्से को ट्वीट कर सीधे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर हमला बोला। मालवीय ने पूछा कि अगर CAA किसी की नागरिकता नहीं छीन रहा और ये बात कांग्रेस को मालूम है तो सोनिया गांधी लोगों को घर से निकलने, सड़क पर उतरने और कुर्बानी देने के लिए क्यों उकसा रही थीं।

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दिल्ली दंगों पर चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री शाह ने कहा कि सीएए को लाने के तुरंत बाद हेट स्पीच शुरू हो गए। उन्होंने कहा, ‘पूरे देशभर में अल्पसंख्यकों खासकर मुस्लिम भाइयों के मन में भ्रम फैला दिया गया कि आपकी नागरिकता छिन जाएगी। मैंने सदन के सदस्यों से बार-बार पूछा कि एक भी प्रावधान बता दो जिससे किसी की नागरिकता जाएगी। सीएए किसी की नागरिकता लेने का नहीं बल्कि देने का कानून है।’

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इसके बाद शाह ने सभी दलों से अपील की कि वे एक होकर कहें कि सीएए से किसी की नागरिकता नहीं जाएगी तो एक भी दंगे नहीं होंगे। इसके बाद शाह ने कहा कि कपिल सिब्बल साहब सुप्रीम कोर्ट के बहुत बड़े वकील हैं। सीएए में कोई एक ऐसा प्रावधान बता दीजिए जिससे मुस्लिमों की नागरिकता जाती हो। तब सिब्बल अपनी सीट से उठे और कहा, ‘कोई नहीं कह रहा कि सीएए किसी की नागरिकता छीनेगा।’ उनके इस बात को शाह ने भी तपाक से लपक लिया और कहा कि वह कांग्रेस के कई नेताओं को कोट कर सकते हैं जिसमें उन्होंने कहा है कि सीएए मुसलमानों की नागरिकता छीन लेगा।

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इसके बाद सिब्बल ने एनपीआर का जिक्र किया। उन्होंने कहा लेकिन कानून यह (सीएए) कहता है कि जब एनपीआर होगा तो उसमें 10 और सवाल पूछे जाएंगे। उस समय अगर डाउटफुल का मार्क लगा दिया गया तो मुश्किल होगी गरीबों को, केवल मुसलमानों को मुश्किल नहीं होगी, सभी गरीबों को होगी। इसके बाद शाह ने सदन को भरोसा दिलाया कि एनपीआर में किसी से कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा और जो जितनी सूचना देना चाहेगा, उतना ही दे, यह वैकल्पिक है। शाह ने यह भी कहा कि कोई डाउटफुल मार्क नहीं लगेगा। देश में किसी को भी एनपीआर से डरने की जरूरत नहीं है।

 
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