Ashok Leyland Share: 20 से सीधे 40 शेयर! बोनस के बाद उछला शेयर, अब 122 रुपये पर कर रहा धमाल – NSE:ASHOKLEY, BSE:500477
Ashok Leyland Share: 20 से सीधे 40 शेयर! बोनस के बाद उछला शेयर, अब 122 रुपये पर कर रहा धमाल - NSE:ASHOKLEY, BSE:500477
(Ashok Leyland Share, Image Credit: Meta AI)
- अशोक लीलैंड ने 1:1 अनुपात में बोनस शेयर दिए
- 16 जुलाई को बोनस शेयर के लिए रिकॉर्ड डेट थी
- 2011 के बाद यह पहला बोनस इश्यू है
Ashok Leyland Share: बुधवार, 16 जुलाई को अशोक लीलैंड लिमिटेड के शेयर निवेशकों के लिए विशेष फोकस में रहे। आज कंपनी के शेयर करीब 2% गिरकर 122.70 रुपये के लेवल पर पहुंच गया। इस गिरावट की वजह यह है कि आज से कंपनी के बोनस शेयर इश्यू का समायोजन शुरू होना है। दरअसल, कंपनी ने रेकॉर्ड डेट यानी आज के दिन, हर एक शेयर पर एक बोनस शेयर देने का ऐलान किया था।
अब डबल हो जाएंगे शेयर
बोनस इश्यू 1:1 के रेशियों में किया गया है। यानी, अगर किसी निवेशक के पास 20 शेयर थे, तो अब बढ़कर उनके डीमैट खाते में ये 40 शेयर हो जाएंगे। हालांकि, इससे निवेश का कुल कीमत नहीं बढ़ता, क्योंकि बोनस के बाद शेयर का मूल्य आधा हो जाता है। यानी पहले 200 रुपये के दो शेयर थे, अब चार शेयर होंगे लेकिन 100 रुपये प्रति शेयर के भाव पर। इससे शेयरों की लिक्विडिटी बढ़ती है और निवेशकों के लिए आकर्षक भी हो जाता है।

छोटे निवेशकों को होगा सीधा फायदा
अशोक लीलैंड में मार्च 2025 तक 14.2 लाख छोटे रिटेल निवेशक थे, जिनकी निवेश राशि 2 लाख रुपये या उससे कम थी। इन निवेशकों के पास कंपनी की 9.38% हिस्सेदारी थी। इस बोनस इश्यू से छोटे रिटेल निवेशकों को सीधा फायदा होगा, क्योंकि उन्हें बिना किसी अतिरिक्त निवेश के अधिक शेयर मिल जाएंगे।
2011 के बाद पहला बोनस इश्यू
दरअसल, कंपनी ने करीब 14 साल बाद बोनस शेयर देने का निर्णय लिया है। इससे पहले, अशोक लीलैंड ने 2011 में आखिरी बार बोनस शेयर जारी किया था। कंपनी के इस फैसले को निवेशकों के लिए एक सकारात्मक संकेत के रूप में देखा जा रहा है, भले ही आज शेयर में थोड़ी गिरावट देखने को मिली हो।
नोट:- शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है। शेयरों, म्यूचुअल फंड्स और अन्य वित्तीय साधनों की कीमतें बाजार की स्थितियों, आर्थिक परिस्थितियों और अन्य कारकों के आधार पर घट-बढ़ सकती हैं। इसमें पूंजी हानि की संभावना भी शामिल है। इस जानकारी का उद्देश्य केवल सामान्य जागरूकता बढ़ाना है और इसे निवेश या वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।

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