Mutual Fund Rules: म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए सेबी का नया प्लान, नियमों में बड़े बदलाव लाने की तैयारी!

Mutual Fund Rules: म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए सेबी का नया प्लान, नियमों में बड़े बदलाव लाने की तैयारी!

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Modified Date: June 22, 2025 / 08:49 AM IST
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Published Date: June 22, 2025 8:48 am IST
Mutual Fund Rules: म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए सेबी का नया प्लान, नियमों में बड़े बदलाव लाने की तैयारी!
HIGHLIGHTS
  • सेबी कर रहा है म्यूचुअल फंड नियमों की व्यापक समीक्षा।
  • नए नियमों का ड्राफ्ट जल्द ही परामर्श के लिए जारी होगा।
  • विनियमन में सरलता लाकर निवेशकों और उद्योग दोनों को फायदा होगा।

Mutual Fund Rules: अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं, तो आपके लिए एक बहुत बड़ी खबर है। दरअसल, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) म्यूचुअल फंड के नियमों की गहन समीक्षा कर रहा है, जिससे इन्हें निवेशकों के लिए और अधिक सुविधाजनक तथा उद्योग के अनुकूल बनाया जा सके। SEBI के कार्यकारी निदेशक, मनोज कुमार ने जानकारी दी कि उनका उद्देश्य सभी हितधारकों के लिए म्यूचुअल फंड प्रणाली को अधिक सरल और प्रभावी बनाना है। उनका कहना है कि, ‘हम नियामकों और अन्य प्रमुख हितधारकों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए म्यूचुअल फंड के नियमों का पुनः मूल्यांकन कर रहे हैं।’

ड्राफ्ट जल्द पेश होगा

उन्होंने यह भी बताया कि नए नियमों की प्रक्रिया जल्द ही प्रारंभ हो जाएगी और ड्राफ्ट नियमों को प्रतिक्रिया और परामर्श के लिए सार्वजनिक किया जाएगा। हालांकि, उन्होंने नए नियमों के लागू होने की कोई विशेष समयसीमा का जिक्र नहीं किया। SEBI के रणनीतिक योजना के तहत म्यूचुअल फंड को एक बड़ी भूमिका दी जा रही है, ताकि वित्तीय समावेशन को बढ़ावा दिया जा सके और निवेशकों की सुरक्षा सुनिश्चित किया जा सके।

नया बदलाव लाने की कोशिश

उन्होंने आगे यह भी जानकारी दी कि म्यूचुअल फंड सलाहकारों के कार्यों को नियंत्रित करने वाले नियमों पर एक परामर्श पत्र तैयार किया जा रहा है। इस कदम से SEBI की योजनाओं के तहत म्यूचुअल फंड क्षेत्र में और भी सुधार हो सकते हैं। मनोज कुमार ने कहा कि SEBI के नेतृत्व में भारत में बाजार की संरचना में बड़े बदलाव आए हैं और म्यूचुअल फंड क्रांति के जरिए एक नया बदलाव लाने की कोशिश कर रहे हैं।

म्यूचुअल फंड को और अधिक पारदर्शी बनाना

उन्होंने यह भी खुलासा किया कि भारत में म्यूचुअल फंड की प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां (AUM) 72 लाख करोड़ रुपये के ऊपर जा चुकी हैं और मासिक एसआईपी (SIP) का योगदान अब 28,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। हालांकि, 140 करोड़ की कुल जनसंख्या में निवेशक आधार अभी भी सिर्फ पांच करोड़ तक सीमित है। SEBI अब म्यूचुअल फंड को और अधिक निवेशक-मित्र बनाने के लिए योजना वर्गीकरण मानदंडों की समीक्षा कर रहा है, ताकि सभी फंड पेशकश उनकी लेबल के अनुसार रहें और गलत तरीके से फंड की बिक्री रोक लगाया जा सके। SEBI का यह कदम म्यूचुअल फंड उद्योग को और अधिक पारदर्शी, निवेशक-केंद्रित और संगठित बनाने के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है।

नोट:- शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है। शेयरों, म्यूचुअल फंड्स और अन्य वित्तीय साधनों की कीमतें बाजार की स्थितियों, आर्थिक परिस्थितियों और अन्य कारकों के आधार पर घट-बढ़ सकती हैं। इसमें पूंजी हानि की संभावना भी शामिल है। इस जानकारी का उद्देश्य केवल सामान्य जागरूकता बढ़ाना है और इसे निवेश या वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।

सेबी म्यूचुअल फंड नियमों में क्या बदलाव करने जा रहा है?

सेबी म्यूचुअल फंड नियमों की समीक्षा कर रहा है ताकि वे निवेशकों के लिए सरल और उद्योग के लिए अनुकूल बन सकें।

क्या नए नियमों का ड्राफ्ट तैयार हो गया है?

प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और जल्द ही सेबी ड्राफ्ट नियम सार्वजनिक सुझावों के लिए जारी करेगा।

यह बदलाव क्यों जरूरी हैं?

मौजूदा नियम लंबे और जटिल हैं। निवेशकों की बदलती जरूरतों और तकनीकी नवाचारों के अनुरूप सरलता जरूरी है।

क्या सलाहकारों के लिए भी नए नियम बनेंगे?

हां, म्यूचुअल फंड सलाहकारों को रेगुलेट करने के लिए भी एक परामर्श पत्र तैयार किया जा रहा है।