NSDL IPO News: तेजी से भरा IPO, 3 घंटे में सब्सक्रिप्शन फुल, GMP में 130 रुपये की उछाल
NSDL IPO News: तेजी से भरा IPO, 3 घंटे में सब्सक्रिप्शन फुल, GMP में 130 रुपये की उछाल
(NSDL IPO News, Image Credit: ANI News)
- IPO पहले दिन ही फुल सब्सक्राइब
- रिटेल हिस्सा 1.12 गुना सब्सक्राइब
- लिस्टिंग 6 अगस्त को BSE पर
NSDL IPO News: निवेशकों से नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमेटेड (NSDL) के IPO को जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है। बुधवार, 30 जुलाई 2025 को सब्सक्रिप्शन खुलने के पहले ही दिन, यह IPO ने महज तीन घंटे में ही पूरी तरह सब्सक्राइब हो गया। एनएसई के आंकड़ों के मुताबिक, दोपहर 1:09 बजे तक NSDL के 3.51 करोड़ शेयरों के मुकाबले 3.52 करोड़ से अधिक शेयरों की बोलियां लग चुकी थी।
NII कैटेगरी से सबसे ज्यादा सब्सक्राइब
वहीं, नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) की कैटेगरी सबसे आगे रही, जिसमें 1.39 गुना सब्सक्राइब हुई। जबकि, रिटेल इनवेस्टर्स का कोटा 1.12 गुना भर गया है। हालांकि, क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) की हिस्सेदारी अपेक्षाकृत धीमी देखने को मिली और यह कैटेगरी सिर्फ 50% ही सब्सक्राइब हो पाई।
यह इश्यू 1 अगस्त तक ओपन रहेगा
NSDL का यह पब्लिक इश्यू शुक्रवार 1 अगस्त 2025 तक खुला रहेगा। शेयर अलॉटमेंट की प्रक्रिया 4 अगस्त को पूरी की जाएगी और कंपनी का स्टॉक 6 अगस्त को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर लिस्टिंग की जाएगी ।
ग्रे मार्केट में जबरदस्त हलचल
इस दौरान, NSDL IPO को लेकर ग्रे मार्केट में भी जोरदार हलचल देखने को मिल रही है। कंपनी के शेयर 130 रुपये के प्रीमियम पर ट्रेड कर रहे हैं। इसका मतलब है कि यदि लिस्टिंग 800 रुपये के अपर प्राइस बैंड पर होती है, तो शेयर बाजार में यह 930 रुपये तक लिस्टिंग हो सकती है। एक लॉट में 18 शेयर हैं और रिटेल निवेशक कम से कम 1 लॉट यानी 14,400 रुपये तक निवेश करना होगा और अधिकतम 13 लॉट तक आवेदन कर सकते हैं।
NSDL का काम क्या है?
NSDL की स्थापना 2012 में हुई थी और यह SEBI द्वारा मान्यता प्राप्त मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशन है। कंपनी भारत की प्रमुख सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी में से एक है, जो सिक्योरिटीज के अलॉटमेंट और ओनरशिप ट्रांसफर के इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड्स मेंटेन का काम करती है।
नोट:- शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है। शेयरों, म्यूचुअल फंड्स और अन्य वित्तीय साधनों की कीमतें बाजार की स्थितियों, आर्थिक परिस्थितियों और अन्य कारकों के आधार पर घट-बढ़ सकती हैं। इसमें पूंजी हानि की संभावना भी शामिल है। इस जानकारी का उद्देश्य केवल सामान्य जागरूकता बढ़ाना है और इसे निवेश या वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।

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