Stock Market 23 June: क्या होगा 23 जून को? सेंसेक्स-निफ्टी के लिए एक्सपर्ट का चौंकाने वाला अनुमान!…

Stock Market 23 June: क्या होगा 23 जून को? सेंसेक्स-निफ्टी के लिए एक्सपर्ट का चौंकाने वाला अनुमान!...

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Modified Date: June 23, 2025 / 08:54 AM IST
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Published Date: June 23, 2025 8:54 am IST
Stock Market 23 June: क्या होगा 23 जून को? सेंसेक्स-निफ्टी के लिए एक्सपर्ट का चौंकाने वाला अनुमान!…
HIGHLIGHTS
  • अमेरिका-ईरान तनाव से बाजार में गिरावट की आशंका।
  • क्रूड ऑयल $100 प्रति बैरल के पार जा सकता है।
  • निफ्टी 24,462 के नीचे गिरा तो 23,700 तक जा सकता है।

Stock Market 23 June: आज सोमवार 23 जून को भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत कमजोर रहने की संभावना जताई जा रही है। अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के बीच वैश्विक निवेशकों में डर और आशंका का माहौल बन गया है। इसके फलस्वरूप, निफ्टी और सेंसेक्स में गिरावट की आशंका जताई जा रही है। साथ ही, क्रूड ऑयल की कीमतों के 100 डॉलर प्रति बैरल के पार जाने का खतरा भी मंडरा रहा है।

20 जून को बाजार में भारी उछाल

भारतीय शेयर बाजार ने 20 जून को शानदार बढ़त हासिल की थी। सेंसेक्स ने 1.29% की तेजी के साथ 1,046.30 अंक चढ़ते हुए 82,408.17 पर बंद हुआ था, जबकि निफ्टी 50 ने 1.3% चढ़कर 320 अंकों के साथ 25,112.40 पर बाजार बंद हुआ था।

23 जून को गिरावट की संभावना

आज सोमवार 23 जून को बाजार में गिरावट की संभावना है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि निफ्टी और सेंसेक्स में करीब 0.7% से 1% तक गिरावट आ सकती है। खास तौर पर उन सेक्टर्स को नुकसान हो सकता है जो कच्चे तेल की कीमतों पर निर्भर हैं, जैसे एयरलाइंस, पेंट्स और FMCG सेक्टर्स में।

अमेरिका-ईरान तनाव का प्रभाव

अमेरिका द्वारा ईरान की परमाणु साइट्स पर एयरस्ट्राइक के बाद मध्य पूर्व में भू-राजनीतिक तनाव और बढ़ गया है। इससे वैश्विक निवेशकों में ‘रिस्क-ऑफ’ सेंटिमेंट उभर रहा है, जो पूरे विश्व के बाजारों पर असर डाल सकता है। इस स्थिति में निवेशकों के मनोबल में गिरावट और बाजार में उतार-चढ़ाव की संभावना जताई जा रही है।

क्रूड ऑयल की कीमतों में उछाल की आशंका

बड़ी चिंता की बात यह है कि अमेरिका-ईरान तनाव का प्रभाव कच्चे तेल की कीमतों पर पड़ सकता है। अगर स्ट्रेट ऑफ होर्मुज के रास्ते आपूर्ति में कोई बाधा आती है, तो तेल की कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल तक बढ़ सकती हैं। भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों का 85% से ज्यादा हिस्सा आयात करता है और यदि क्रूड की कीमतें 10 डॉलर प्रति बैरल बढ़ जाती हैं, तो इसका सीधा असर महंगाई और चालू खाता घाटे पर भी पड़ सकता है।

निफ्टी और सेंसेक्स में गिरावट का अनुमान

एक्सपर्ट्स के अनुसार, यदि निफ्टी 25,243 के ऊपर नहीं निकलता, तो इसमें गिरावट का सिलसिला जारी रह सकता है। एक्सिस सिक्योरिटीज ने बताया कि अगर निफ्टी 24,462 के नीचे गिरता है, तो यह 23,700 तक भी जा सकता है।

ट्रंप के बयान से बाजार में हलचल

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को चेतावनी दी है कि अगर उसने पलटवार किया तो अमेरिका और भी सख्त सैन्य कार्रवाई करेगा। हालांकि, उन्होंने इस तनाव को कम करने की भी अपील की है। ट्रंप के बयान से बाजारों में उथल-पुथल का माहौल बन गया है।

बाजार में गिरावट के बाद क्या रिकवरी संभव है?

कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि शुरुआती गिरावट के बाद बाजार में सुधार भी हो सकता है। SBI Securities के सनी अग्रवाल का कहना है कि यदि ईरान की प्रतिक्रिया अधिक आक्रामक नहीं होती, तो बाजार धीरे-धीरे इस तनाव से उबर सकता है और दिन के अंत तक मामूली तेजी भी देखी जा सकती है।

निवेशकों के लिए सलाह

इस समय बाजार में काफी अस्थिरता बनी हुई है, विशेषज्ञों का मानना है कि लॉन्ग टर्म निवेशकों को गिरावट के दौरान अच्छे स्टॉक्स खरीदने का अच्छा मौका मिल सकता है। मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए, लेकिन यह गिरावट एक अच्छा खरीदारी अवसर हो सकता है। इसलिए जो निवेशक जोखिम से बचना चाहते हैं, उन्हें सावधानी बरतनी चाहिए।

नोट:- शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है। शेयरों, म्यूचुअल फंड्स और अन्य वित्तीय साधनों की कीमतें बाजार की स्थितियों, आर्थिक परिस्थितियों और अन्य कारकों के आधार पर घट-बढ़ सकती हैं। इसमें पूंजी हानि की संभावना भी शामिल है। इस जानकारी का उद्देश्य केवल सामान्य जागरूकता बढ़ाना है और इसे निवेश या वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।

23 जून को बाजार में गिरावट की मुख्य वजह क्या है?

अमेरिका द्वारा ईरान की परमाणु साइट्स पर एयरस्ट्राइक के बाद वैश्विक तनाव बढ़ गया है, जिससे निवेशकों में डर है और बाजार ‘रिस्क-ऑफ’ मोड में आ गया है।

सेंसेक्स और निफ्टी में कितनी गिरावट की आशंका है?

एनालिस्ट्स के मुताबिक निफ्टी और सेंसेक्स में 0.7% से 1% तक की गिरावट संभव है।

कौन-से सेक्टर्स पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा?

ऑयल-सेंसिटिव सेक्टर्स जैसे एयरलाइंस, पेंट्स और FMCG सेक्टर पर अधिक दबाव आने की संभावना है।

निवेशकों को इस समय क्या रणनीति अपनानी चाहिए?

लॉन्ग टर्म निवेशकों को गिरावट के दौरान अच्छे स्टॉक्स में निवेश करने का मौका मिल सकता है, जबकि ट्रेडर्स को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।