(Stock Market Today, Image Credit: IBC24 News Customize)
Stock Market Today: आज घरेलू शेयर बाजार के लिए संकेत मिले-जुले नजर आ रहे हैं। विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने कैश और डेरिवेटिव दोनों सेगमेंट में खरीदारी की है, साथ ही कुछ शॉर्ट पोजीशंस को भी कवर किया है। हालांकि, गिफ्ट निफ्टी में हल्की कमजोरी देखी गई, जो शुरुआत में थोड़े दबाव का संकेत दे रही है। एशियाई बाजारों में भी मिलाजुला रुख देखने को मिल रहा है, जबकि अमेरिकी बाजारों में कल लगातार चौथे दिन गिरावट दर्ज की गई, जिससे वैश्विक धारणा थोड़ी सतर्क बनी हुई है।
निफ्टी बैंक की मौजूदा रेंज 55,500 से 56,000 के बीच बनी हुई है। अगर इस रेंज के ऊपर यानी 56,200 के लेवल से पार होता है, तो तेजी का रुख पकड़ सकता है। वहीं, 55,500 के नीचे फिसलने पर नरमी आने की संभावना बढ़ जाएगी। फिलहाल निफ्टी बैंक में कोई स्पष्ट ट्रेडिंग के संकेत नहीं है, लेकिन आने वाले हफ्ते में इसमें हलचल देखने को मिल सकती है।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के विशेषज्ञों का कहना है कि भारतीय और अमेरिकी बाजारों के बीच अब एक बड़ा अंतर बनता जा रहा है। जहां अमेरिका महंगाई और ब्याज दरों को लेकर दबाव में है, वहीं भारतीय बाजारों को सरकार की नीतियों और सतत निवेश का सपोर्ट मिल रहा है। जुलाई में रिटेल महंगाई 1.55% पर रही, जो MPC द्वारा ब्याज दर में कटौती की उम्मीदों को बल देती है। हालांकि, वैश्विक अस्थिरता को देखते हुए आरबीआई सतर्क रवैया अपनाए हुए है।
महंगे वैल्यूएशन को लेकर चिंता अभी भी बनी हुई है, लेकिन भारत की लॉन्ग टर्म ग्रोथ स्टोरी को देखते हुए लार्ज-कैप स्टॉक्स को लेकर निवेशकों का भरोसा कायम है। मिड-कैप कंपनियों को मजबूत आय वृद्धि का समर्थन मिल रहा है, जबकि स्मॉल-कैप स्टॉक्स में दबाव नजर आ रहा है जिससे वे इस समय सबसे जोखिमभरा जोन बन गए हैं।
21 अगस्त को भारतीय बाजार सीमित दायरे में रहे, लेकिन प्रमुख इंडेक्स छठे दिन बढ़त के साथ बंद हुए। सेंसेक्स 143 अंक की बढ़त के साथ 82,001 पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी में 33 अंकों की तेजी रही और यह 25,084 पर बंद हुआ। निफ्टी बैंक 57 अंक ऊपर 55,755 पर बंद हुआ, हालांकि यह लगभग सपाट रहा। मिडकैप इंडेक्स में 222 अंकों की गिरावट देखी गई और यह 57,709 पर बंद हुआ।
नोट:- शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है। शेयरों, म्यूचुअल फंड्स और अन्य वित्तीय साधनों की कीमतें बाजार की स्थितियों, आर्थिक परिस्थितियों और अन्य कारकों के आधार पर घट-बढ़ सकती हैं। इसमें पूंजी हानि की संभावना भी शामिल है। इस जानकारी का उद्देश्य केवल सामान्य जागरूकता बढ़ाना है और इसे निवेश या वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।