Securities Markets Code Bill 2025: निवेश का पुराना फॉर्मूला खत्म!, सरकार ये 3 अहम बिल करेंगी मर्ज, मार्केट में बदल जाएगा पूरा माहौल, फायदा देखकर हो जाएंगे हैरान!
भारत सरकार तीन पुराने मार्केट कानून हटाकर सिक्योरिटीज मार्केट कोड बिल 2025 ला रही है। इसका उद्देश्य नियम आसान बनाना, निवेशकों के लिए प्रक्रिया सरल करना और FDI बढ़ाना है। इससे शेयर और बॉन्ड मार्केट अधिक आधुनिक, पारदर्शी और निवेश-मैत्रीपूर्ण बनेंगे।
(Flipkart Balck Friday Sale 2025, Image Credit: Meta AI)
- सरकार पुराने तीन वित्तीय कानूनों को हटाकर सिक्योरिटीज मार्केट कोड बिल 2025 ला रही है।
- सेबी एक्ट 1992, डिपॉजिटरी एक्ट 1996 और सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट एक्ट 1956 अब एक कानून में शामिल होंगे।
- नए कोड से निवेशकों के लिए नियम आसान और स्पष्ट होंगे, निवेश प्रक्रिया सरल होगी।
नई दिल्ली: Securities Markets Code Bill 2025: भारत सरकार जल्द ही पुराने तीन वित्तीय कानूनों को खत्म करके एक नया, सरल और आधुनिक कानून पेश करने जा रही है। इसे सिक्योरिटीज मार्केट कोड बिल 2025 कहा जाएगा। यह बिल आगामी 1 दिसंबर से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा।
पुराने तीन कानून होंगे एक में शामिल
इस नए कोड में सेबी एक्ट 1992, डिपॉजिटरी एक्ट 1996 और सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट (रेगुलेशन) एक्ट 1956 को मिलाकर सिर्फ एक कानून बनाया जाएगा। साल 2021-22 के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसकी घोषणा करते हुए कहा था कि अलग-अलग कानूनों के कारण कंपनियों और निवेशकों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। अब सब कुछ एक ही छत के नीचे आ जाएगा, जिससे नियम समझना और पालन करना आसान होगा।
निवेशकों को सीधे लाभ
इस बदलाव से आम निवेशकों को कई फायदे होंगे। कंपनियों पर नियमों को मानने का खर्च कम होगा और सेबी, डिपॉजिटरी और सरकार के अलग-अलग नियमों से होने वाला भ्रम दूर होगा। नए कोड में सरकारी बॉन्ड और लोन से जुड़े नियम भी शामिल होंगे, जिससे विदेशी निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा।
शेयर और बॉन्ड मार्केट दोनों होंगे आधुनिक
एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस नए कानून के लागू होते ही भारत का शेयर मार्केट पूरी तरह मॉडर्न और पारदर्शी बन जाएगा। छोटे निवेशक से लेकर बड़े फंड तक सभी के लिए निवेश करना, पैसा लगाना या निकालना और ट्रेडिंग करना सरल और तेज होगा। निवेश के तरीके में आने वाले वर्षों में यह बिल बदलाव लाएगा।
FDI सीमा में भी बढ़ोतरी
सरकार शीतकालीन सत्र में बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की सीमा 74% से बढ़ाकर 100% करने वाला विधेयक भी पेश करेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसे नई पीढ़ी के वित्तीय सुधारों का हिस्सा बताया है। यह कदम विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने और भारतीय वित्तीय क्षेत्र को और मजबूत बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
नोट:- शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है। शेयरों, म्यूचुअल फंड्स और अन्य वित्तीय साधनों की कीमतें बाजार की स्थितियों, आर्थिक परिस्थितियों और अन्य कारकों के आधार पर घट-बढ़ सकती हैं। इसमें पूंजी हानि की संभावना भी शामिल है। इस जानकारी का उद्देश्य केवल सामान्य जागरूकता बढ़ाना है और इसे निवेश या वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।
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