धीरज दुबे, कोरबा:
Infant Death बेहतर सुविधा का दावा करने वाले प्रशासनिक अधिकारियाें के लिए भी ये घटनाएं आंखें खोलने वाली रही। एक तरफ वाहन उपलब्ध नहीं होने की वजह से बेबस पिता को बाइक में बच्चे के शव को लेकर 60 किलोमीटर का सफर करना पड़ा। मामला लेमरू थाना क्षेत्र के अरसेना का है। सोमवार की सुबह यहां रहने वाले दरशराम की पत्नी अपने डेढ़ साल के बच्चे अश्विनी को लेकर खेत गई थी। खेत की मेड़ में बच्चे को छोड़कर वह निंदाई के काम में व्यस्त हो गई। खेत से लगी डबरी में वर्षा के कारण पानी भरा था। तभी खेलते-खेलते अश्विनी डबरी की ओर चला गया। मां की भी सुध बच्चे की ओर नहीं रही। मां ने थोड़ी देर बाद जब मेड़ की ओर देखा तो बच्चा गायब था।
वह खेत में काम छोड़ मेड़ की ओर दौड़ी तब तक बहुत देर हो चुकी था। अश्विनी डबरी में डूब चुका था। मां उसे उठाकर अस्पताल ले जाने के लिए दौड़ पड़ी। आनन फानन में पिता दरश बच्चे को लेकर लेमरू प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा। जहां डॉक्टरों ने परीक्षण के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी की जानी थी लेकिन स्थानीय अस्पताल में इसकी सुविधा नहीं थी जिसके बाद शव को जिला अस्पताल के मर्च्युरी ले जाया गया।
Infant Death दरशराम ने स्वास्थ्य कर्मियों से शव वाहन उपलब्ध कराने की मांग की। पिता का दर्द उस समय दोगुना हो गया जब दुध मुंहे बच्चे के शव के लिए वाहन उपलब्ध कराने में विभाग ने असमर्थता जता दी। मजबूर दरश को अपने दुधमुंहे बच्चे के शव को प्लास्टिक में लपेट कर 60 किलोमीटर मोटर साइकिल से सफर कर जिला अस्पताल आना पड़ा। तब कहीं जाकर अंत्येष्टि के लिए शव को पुलिस ने सुपुर्दनामा किया। इस पूरी घटना क्रम ने चिकित्सा विभाग की सच्चाई खोल दी है।