CG News: छत्तीसगढ़ की खनिज संपदा, हरियाली के बीच छिपा भारत का सबसे बड़ा खजाना, जो बदल रहा राज्य की किस्मत और पूरे देश का भविष्य!
छत्तीसगढ़ अब सिर्फ हरियाली और सांस्कृतिक धरोहर के लिए ही नहीं, बल्कि देश की खनिज राजधानी के रूप में भी प्रसिद्ध हो चुका है।
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- छत्तीसगढ़ भारत की खनिज राजधानी, कोयला, लौह अयस्क, बाक्साइट प्रमुख खनिज।
- खनिज राजस्व में 25 वर्षों में 34 गुना वृद्धि।
- पर्यावरण संरक्षण के साथ खनन, वृक्षारोपण से वन क्षेत्र में वृद्धि।
CG News: रायपुर: छत्तीसगढ़ अब सिर्फ हरियाली और सांस्कृतिक धरोहर के लिए ही नहीं, बल्कि देश की खनिज राजधानी के रूप में भी प्रसिद्ध हो चुका है। भारत के कुल खनिज भंडार का बड़ा हिस्सा छत्तीसगढ़ की धरती में मौजूद है, जिससे राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है। प्रदेश की सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में खनिज क्षेत्र का योगदान लगभग 10 प्रतिशत तक पहुंच चुका है। राज्य बनने के समय खनिज राजस्व सिर्फ 429 करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 14,592 करोड़ रुपये हो गया है। यानी बीते 25 सालों में खनिज राजस्व में 34 गुना वृद्धि हुई है।
पर्यावरण को ध्यान में रखकर किया जा रहा काम
CG News: वन और पर्यावरण के संतुलन को बनाए रखते हुए, छत्तीसगढ़ सरकार ने खनन के लिए बहुत ही सीमित वन भूमि (केवल 0.47 प्रतिशत) ही आवंटित की है। साथ ही, खनन के बाद 5 से 10 गुना वृक्षारोपण अनिवार्य किया गया है, जिससे राज्य के वन क्षेत्र में 68 हजार हेक्टेयर से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। यह आंकड़ा पूरे देश में सबसे अधिक है।
राजस्व से मिल रही प्रदेश को आर्थिक मजबूती
CG News: खनिज क्षेत्र से मिलने वाले राजस्व से प्रदेश को आर्थिक मजबूती मिली है और साथ ही हजारों युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिल रहे हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार खनिज संपदा का दोहन पर्यावरण संरक्षण और जनहित के साथ कर रही है। बताते चलें कि, छत्तीसगढ़ देश का दूसरा सबसे बड़ा कोयला उत्पादक राज्य है। यहां लगभग 74,192 मिलियन टन कोयला भंडार है, जो देश के कुल भंडार का 20.53 प्रतिशत है। राज्य का कोयला बिजली उत्पादन, सीमेंट, इस्पात और छोटे-मध्यम उद्योगों में इस्तेमाल होता है।
लौह अयस्क भी छत्तीसगढ़ की बड़ी संपदा है, जो इस्पात उद्योग की रीढ़ है। राज्य में 4,592 मिलियन टन लौह अयस्क भंडार मौजूद है, जो राष्ट्रीय भंडार का लगभग 19 प्रतिशत है। यहां से देश के इस्पात संयंत्रों को उच्च गुणवत्ता वाला लौह अयस्क मिलता है।
बाक्साइट, चूना पत्थर, टिन, डोलोमाइट जैसे कई अन्य खनिज भी छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था को मजबूत करते हैं। खासकर छत्तीसगढ़ देश का 100 प्रतिशत टिन उत्पादन करता है, जिसका इस्तेमाल इलेक्ट्रॉनिक्स और रक्षा उद्योग में होता है।
गौण खनिजों की भी अहम भूमिका
CG News: राज्य में गौण खनिजों की भी अहम भूमिका है। यहां रेत, मुरम, ईमारती पत्थर, मिट्टी आदि खनिजों की खुदाई से स्थानीय स्तर पर रोजगार और राजस्व मिलता है, जो ग्रामीण विकास में सहायक है।
खनिज विकास के साथ-साथ छत्तीसगढ़ सरकार पर्यावरण संरक्षण और खनन प्रभावित इलाकों के पुनर्वास पर भी विशेष ध्यान दे रही है। जिला खनिज विकास निधि (डीएमएफ) के माध्यम से शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल और सड़क जैसी योजनाएं चलाई जा रही हैं।
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