नई दिल्ली: भारत के साथ ही दुनियाभर में बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व दशहरा मनाया जा रहा है। नवरात्रि विसर्जन के साथ ही देशभर में रावण के पुतले का दहन किया जा रहा है। पांच राज्यों में इस बार दशहरे का आयोजन फीका नजर आ रहा है, बावजूद ऐसे मौके पर नेता शक्ति प्रदर्शन करने से नहीं चूक रहे। खासकर इन राज्यों से अलग दीगर सूबो में विजयदशमी का आयोजन अपने पूरे सबाब पर है।
बात करे देश के सबसे बड़े और भव्य दशहरा आयोजन की तो देश की राजधानी दिल्ली के रामलीला मैदान में यह पूरा समारोह संपन्न हुआ। रावण दहन के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौजूद रहे। उन्होंने उपस्थित जनसमूह के साथ मंच के माध्यम से देशवासियों को दशहरे की बधाई दी। उन्होंने यहाँ अपना सम्बोधन भी दिया और देश की प्रगति, उन्नति को लेकर केंद्र सरकार के लक्ष्यों को भी उजागर किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण में इस बार अयोध्या में अधोनिर्मित राममंदिर का जिक्र विशेष तौर से अनेकों बार हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि अगले दशहरे में रावण का दहन अयोध्या में होगा।
जाहिर तौर पर अयोध्या का राम मंदिर अब भाजपा के साथ पीएम मोदी की सबसे बड़ी उपलब्धियों में गिना जाने लगा है। तो सवाल उठने लगे कि दशहरे पर राम मंदिर का जिक्र करना क्या पीएम मोदी के 2024 के चुनाव को लेकर तैयारी का हिस्सा है? आखिर आज के सम्बोधन में श्रीराम से ज्यादा पीएम मोदी को राम मंदिर की याद क्यों आई।
प्रधानमंत्री ने अपना उद्बोधन श्रीराम के जयकारे के साथ शुरू किया। उन्होंने कहा दशहरे का यह पर्व अन्याय पर न्याय के विजय, अहंकार पर विनम्रता का और आवेश पर धैर्य के विजय का पर्व है। उन्होंने दशहरे को संकल्पों का पर्व बताया। पीएम ने बताया कि आज के दिन शस्त्रों की पूजा भी देश भर में की जा रही है लेकिन यह किसी की भूमि पर आधिपत्य के लिए नहीं बल्कि अपनी भूमि की रक्षा के लिए की जाती है। पीएम ने कहा कि हम श्रीराम की मर्यादाओं के साथ अपने सीमा की रक्षा करना भी जानते है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह हमारी पीढ़ी का सौभाग्य है कि आज हम अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्यतम मंदिर बनता हुआ देख पा रहे है। और अयोध्या की अगली रामनवमी पर रामलला के मंदिर में गूंजा हर स्वर हमें हर्षित करने वाला है। भगवान राम की भूमि पर बन रहा मंदिर सदियों की प्रतीक्षा के बाद मिली विजय का प्रतीक है। राम मंदिर में भगवान राम के विराजमान के बस कुछ ही महीने बचे है। भगवान बस आने ही वाले ही है। उस हर्ष की परिकल्पना कीजिये जब शताब्दियों के संघर्ष के बाद राम मंदिर में भगवान राम की प्रतिमा विराजेगी। राम के आने की उत्सव की शुरुवात तो विजयदशमी से ही शुरू हो गई थी। उन्होंने तुलसीदास जी को याद करते हुए कहा कि जब श्रीरामका आगमन होता है तो पूरा पर्यावरण रमणीय हो जाता है और आज यह माहौल है कि भारत हर दिन कामयाबी के नए सोपान चढ़ रहा है। हमने चंद्रयान के तौर पर विजय हासिल की, हमने संसद की नई इमारत में प्रवेश किया है। इसी तरह संसद में नारी शक्ति वंदन अधिनियम पारित किया है। भारत आज विश्व की सबसे बड़ी डेमोक्रेसी के साथ सबसे विश्वसनीय डेमोक्रेसी के तौर पर उभर रहा है। इस सुखद क्षणों के बीच राम मंदिर में भगवान राम विराजने जा रहा है। आजादी के 75 साल बाद अब भारत के भाग्य का उदय होने जा रहा है। लेकिन यह वो समय है जब भारत को पहले से ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। हमें ख्याल रखना है रावण का दहन सिर्फ पुतले का दहन न हो यह दहन हर एक बुराई का दहन हो।
अपने सम्बोधन के अंत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को दस संकलप भी दिलाएं।
Greetings on Vijaya Dashami! Speaking at a programme in Delhi. https://t.co/d7PSTPswL0
— Narendra Modi (@narendramodi) October 24, 2023
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