स्वास्थ्य केंद्र में रखी 12 बोरी दवाएं जलायी गईं: अधीक्षक समेत दो कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई
स्वास्थ्य केंद्र में रखी 12 बोरी दवाएं जलायी गईं: अधीक्षक समेत दो कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई
उन्नाव (उप्र), दो नवम्बर (भाषा) उत्तर प्रदेश में उन्नाव जिले के सफीपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में स्वास्थ्य कर्मियों ने कथित रूप से अस्पताल परिसर में लगभग 10 से 12 बोरी दवाइयां जलाईं, जिनमें वैसी कई जरूरी दवाएं भी शामिल थीं, जो 2026 तक इस्तेमाल लायक थीं। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉक्टर सत्य प्रकाश ने घटना का संज्ञान लेते हुए सीएचसी अधीक्षक और फार्मासिस्ट को हटाकर उन्हें सीएमओ कार्यालय से संबद्ध कर दिया है।
स्थानीय प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, परिसर से उठता धुआं देखकर जब वे मौके पर पहुंचे तो वहां सिरप की बोतलें, इंजेक्शन एवं टैबलेट स्ट्रिप्स जलती हुई मिलीं। कुछ अधजली दवाओं पर अंकित तिथि से स्पष्ट हुआ कि दवाओं के उपयोग की तिथि समाप्त नहीं हुई थी।
सूत्रों ने बताया कि जलाई गई दवाओं में कई आवश्यक दवाएं शामिल थीं, जिनका उपयोग मौसमी बीमारियों में सर्वाधिक होता है। सफीपुर सीएचसी में करीब 250 से 300 मरीज उपचार के लिए प्रतिदिन पहुंचते हैं, जिनमें से कइयों को इन्हीं दवाओं की जरूरत होती है।
घटना की जानकारी मिलते ही स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया।
सीएमओ के निर्देश पर एसीएमओ डॉक्टर एच.एन. प्रसाद मौके पर पहुंचे और प्रारंभिक जांच शुरू की।
सीएमओ डॉक्टर सत्य प्रकाश ने बताया कि इस मामले में सफीपुर सीएचसी प्रभारी डॉक्टर राजेश वर्मा और फार्मासिस्ट प्रेम शंकर को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है और जांच होने तक सीएमओ कार्यालय से सम्बद्ध कर दिया गया है।
जब उनसे पूछा गया कि कुछ ऐसी दवाएं भी जला दी गयी हैं जिनकी ‘एक्सपायरी’ 2026 की है, इस पर उन्होंने कहा कि जांच हो रही है और संबंधित तथ्य सामने आ जाएंगे।
इस बीच, विभागीय अधिकारियों ने बताया कि दवाओं के इस्तेमाल की अवधि समाप्त हों या नहीं, उन्हें इस तरह जलाना पूरी तरह गलत है।
उन्होंने बताया कि मामले की जांच चल रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
भाषा सं. सलीम सिम्मी सुरेश
सुरेश

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