पुलिस अधिकारी और आपराधिक गिरोह के सदस्यों के खिलाफ अदालत के आदेश पर मुकदमा दर्ज

पुलिस अधिकारी और आपराधिक गिरोह के सदस्यों के खिलाफ अदालत के आदेश पर मुकदमा दर्ज

पुलिस अधिकारी और आपराधिक गिरोह के सदस्यों के खिलाफ अदालत के आदेश पर मुकदमा दर्ज
Modified Date: February 5, 2025 / 10:07 am IST
Published Date: February 5, 2025 10:07 am IST

भदोही (उप्र), पांच फरवरी (भाषा) भदोही जिले में लोगों को फर्जी मुकदमों में फंसाने वाले एक आपराधिक गिरोह के सदस्यों और एक पुलिस अधिकारी के खिलाफ अदालत के आदेश पर प्राथमिकी दर्ज की गई है।

पुलिस ने बताया कि साजिश के तहत एक बुजुर्ग शख्स के खिलाफ बलात्कार और दलित उत्पीड़न का फर्जी मुकदमा दर्ज किए जाने के आरोप में गिरोह के सदस्यों और एक पुलिस अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

शहर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक अश्विनी कुमार त्रिपाठी ने बुधवार को बताया कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सबीहा खातून ने मंगलवार को पुलिस क्षेत्राधिकारी रैंक के अफसर अजय कुमार के साथ-साथ फर्जी मुकदमा दर्ज कराने वाली पूजा और उसके साथियों आशा तथा सुनील पासी के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया था।

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उन्होंने बताया कि इसका पालन करते हुए आरोपियों के खिलाफ साजिश रचने, धोखाधड़ी करने, झूठे दस्तावेज का इस्तेमाल करने, जबरन वसूली के लिए फंसाने, जालसाजी करने और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने समेत विभिन्न आरोपों में शहर कोतवाली में मंगलवार देर रात प्राथमिकी पंजीकृत करके कार्यवाही की जा रही है।

त्रिपाठी ने बताया कि जिले के सुरयावा थाना क्षेत्र की रहने वाली आशा सरोज, प्रयागराज की पूजा सरोज तथा सुनील पासी का एक आपराधिक गिरोह है जो अवैध वसूली के लिए लोगों पर दलित उत्पीड़न के फर्जी मुकदमे दर्ज कराता है।

इस गिरोह ने वर्ष 2021 में सुरियावा थाना क्षेत्र के ही गणेशरायपुर निवासी लक्ष्मी शंकर उपाध्याय (60) पर कक्षा पांच में पढ़ने वाली एक दलित किशोरी से बलात्कार करने और धमकी देने समेत कई गंभीर आरोपों में मुकदमा दर्ज करवाया था।

उन्होंने बताया कि इस मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश की अदालत में हुई थी और उपाध्याय को नौ महीनों तक जेल में रहना पड़ा था।

त्रिपाठी ने बताया कि अदालत में चली कार्रवाई में पूजा ने अपनी बेटी सुहानी को पूजा बताकर पेश किया और खुद महिमा सरोज बनकर पेश होती थी। इसके अलावा उसने अपनी बेटी के नकली अंकपत्र, प्रमाणपत्र और जाली आधार कार्ड भी अदालत में जमा किये थे।

मुकदमे के विवेचक अजय कुमार पर भी इस पूरी साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया गया था।

उन्होंने बताया कि एक साल तक चली अदालती प्रक्रिया के बाद अपर सत्र अदालत ने आठ सितंबर 2023 को उपाध्याय को बाइज्जत बरी करके पूजा सरोज पर आठ हजार रुपये का जुर्माना लगाया था। विवेचक अजय कुमार को भी विवेचना में गंभीर लापरवाही का दोषी मानते हुए कार्रवाई करने का आदेश दिया गया था।

त्रिपाठी ने बताया कि उपाध्याय ने साजिश में शामिल होने के बावजूद विवेचक पर कोई कार्रवाई नहीं करने और फर्जी मुकदमा दर्ज होने तथा नौ महीने तक उन्हें जेल में रहने के बाद पुलिस को प्रार्थना पत्र दिया था।

उपाध्याय ने अपनी सामाजिक प्रतिष्ठा धूमिल करने का आरोप लगाते हुए पुलिस को मुकदमा दर्ज करने के लिए यह प्रार्थना पत्र दिया था।

इसके बाद उन्होंने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में 12 अक्टूबर 23 को एक याचिका दायर की थी।

उन्होंने बताया कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सबीहा खातून ने मामले की सुनवाई के बाद चार फरवरी को पुलिस अफसर अजय कुमार के साथ-साथ गिरोह के सदस्यों पूजा, आशा और सुनील पासी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया।

भाषा सं सलीम संतोष

संतोष


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