अयोध्या: Ram Mandir Ayodhya Shahi Juloos: रामलला की नगरी अयोध्या में इतिहास रचने जा रहा है। हनुमानगढ़ी के गद्दीनशीन महंत प्रेमदास आज हनुमान जी के 22वें प्रतिनिधि के रूप में रामलला के दर्शन करेंगे। यह अवसर इसलिए भी ऐतिहासिक है क्योंकि करीब 300 वर्षों में पहली बार कोई गद्दीनशीन महंत रामलला के दर्शन करने जा रहे हैं।
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शाही जुलूस के साथ होगा आगमन
Ram Mandir Ayodhya Shahi Juloos: सुबह 7 बजे हनुमानगढ़ी से शाही जुलूस निकलेगा, जो सरयू स्नान के बाद रामलला मंदिर पहुंचेगा। इस जुलूस में चारों पट्टी के महंत, साधु-संत, शिष्यगण और बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होंगे। राम मंदिर परिसर में गद्दीनशीन महंत का भव्य स्वागत किया जाएगा।
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राम रक्षा स्त्रोत का पाठ और 56 भोग का समर्पण
Ram Mandir Ayodhya Shahi Juloos: रामलला के दर्शन के दौरान महंत प्रेमदास राम रक्षा स्त्रोत का पाठ करेंगे। इसके बाद दोपहर में हनुमान जी की ओर से 56 भोग रामलला को समर्पित किए जाएंगे। यह समर्पण परंपरागत श्रद्धा और भक्ति की भावना से भरा हुआ होगा।
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गहरा धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
Ram Mandir Ayodhya Shahi Juloos: यह कार्यक्रम अयोध्या की परंपरा, श्रद्धा और आस्था का प्रतीक है। हनुमान जी को अयोध्या का प्रथम रक्षक माना जाता है और उनके गद्दीनशीन द्वारा रामलला के दर्शन, रामनगरी की अध्यात्मिक गरिमा को नई ऊंचाई प्रदान करता है।
यह आयोजन इतना ऐतिहासिक क्यों माना जा रहा है?
क्योंकि 300 वर्षों में पहली बार हनुमानगढ़ी के गद्दीनशीन महंत रामलला के दर्शन करेंगे।
यह शाही जुलूस कहां से और कब निकलेगा?
शाही जुलूस सुबह 7 बजे हनुमानगढ़ी से निकलेगा और सरयू स्नान के बाद राम मंदिर पहुंचेगा।
इस आयोजन में कौन-कौन शामिल होगा?
चारों पट्टी के महंत, साधु-संत, शिष्यगण और बड़ी संख्या में श्रद्धालु इसमें शामिल होंगे।
56 भोग का क्या महत्व है?
56 भोग भक्ति और समर्पण का प्रतीक होते हैं और इन्हें भगवान को समर्पित करना एक विशेष धार्मिक परंपरा मानी जाती है।
हनुमान जी को अयोध्या का रक्षक क्यों माना जाता है?
मान्यता है कि हनुमान जी अयोध्या के प्रथम सेवक और रक्षक हैं, और उनकी अनुमति के बिना कोई भी रामलला के दर्शन नहीं कर सकता।