युवाओं की समस्याओं के प्रति भाजपा सरकार का रवैया संवेदनशील नहीं : अखिलेश यादव

युवाओं की समस्याओं के प्रति भाजपा सरकार का रवैया संवेदनशील नहीं : अखिलेश यादव

युवाओं की समस्याओं के प्रति भाजपा सरकार का रवैया संवेदनशील नहीं : अखिलेश यादव
Modified Date: November 29, 2022 / 08:40 pm IST
Published Date: April 10, 2022 5:41 pm IST

लखनऊ, 10 अप्रैल (भाषा) समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्‍तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को सभी मोर्चे पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के विफल होने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि युवाओं की समस्‍याओं के प्रति भाजपा सरकार का रवैया संवेदनशून्‍य है।

रविवार को सपा मुख्यालय से जारी बयान में यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था, स्वास्थ्य-शिक्षा सभी पूरी तरह चौपट हैं और शिक्षण कार्य से जुड़े लोगों में भारी असंतोष है। उन्होंने कहा कि नौजवान आक्रोशित हैं, क्योंकि उनकी समस्याओं के प्रति भाजपा सरकार का रवैया संवेदनशून्य है।

बेरोजगारी बढ़ने और रोजी-रोटी का कोई इंतजाम न किये जाने का आरोप लगाते हुए सपा प्रमुख ने कहा कि ”युवा आवाज उठाता है तो उसकी आवाज दबाने के लिए पुलिस की लाठियां चटकने लगती हैं, नौजवानों को रोजगार देने के थोथे दावों पर कोई यकीन नहीं करता है।”

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उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने अपने कारनामों से उत्तर प्रदेश को बदनाम किया है और भाजपा लोगों में भय पैदा करके राज कर रही है, यह लोकतंत्र में घोर निंदनीय है।

उन्‍होंने कहा कि सरकार विभिन्न विभागों की पहले रिक्तियां घोषित करती है फिर विभिन्न पदों पर भर्ती का विज्ञापन निकाल कर बड़े पैमाने पर रोजगार देने की डुग-डुगी पीटने लगती है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की नीयत में खोट की वजह से परीक्षा के पेपर लीक हो जाते हैं या किन्हीं मुद्दों को लेकर परीक्षा के परिणामों पर सवाल खड़े हो जाते हैं और परीक्षाएं निरस्त हो जाती हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुदेशक, टीईटी, शिक्षामित्र, शिक्षक भर्ती आदि में भाजपा सरकार का रवैया अजीबो-गरीब रहा है और हताश नौजवान छात्र जब अपनी आवाज उठाना चाहता है, तो सरकार उसे कुचल देती है।

सपा प्रमुख ने प्रयागराज में छात्रों पर हुए लाठी चार्ज का जिक्र करते हुए कहा कि जिस सरकार में छात्रों को जेल में डालकर उत्पीड़न किया जा रहा हो उस सरकार में भविष्य निर्माण की बात करना बेईमानी है।

भाषा आनन्द संतोष

संतोष


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