इस गांव में दिवाली की जगह मनाई जाती है मातम, सदियों से चली आ रही है परंपरा
इस गांव में दिवाली की जगह मनाई जाती है मातम! Diwali is not celebrated due to the death of a young man in Yadavpurwa
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नईदिल्ली। Diwali is not celebrated दिवाली के दिन पूरे देशभर में खुशियां मनाई जाती है। लोग इस मौके पर लोग एक दूसरे को बधाई और शुभकामनाएं देते है। लोग खुशी और स्वागत में दीपक जलाकर दिवा का त्योहार मनाते है। आपको बता दें कि भगवान श्रीराम के 14 वर्ष के वनवास के बाद आयोध्या वापस लौटे थे, तब से इस त्योहार को मनाया जाता है। लेकिन एक ऐसा गांव है जहां सदियों से दिवाली नहीं मनाई जाती। पूरा गांव मातम में पसरा रहता है।
Diwali is not celebrated मिली जानकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश के गोंडा एक ऐसा गांव है जहां सदियों से दिवाली का त्योहार नहीं मनाई जाती। बताया जा रहा है कि दिवाली के दिन यहां एक दीपक भी नहीं जलाया जाता। बताया जा रहा है कि इस गांव में दिवाली के दिन एक युवा की मौत हो गई थी और दिवाली के दिन ही पूरा गांव में मातम पसरा था। तब से यहां दिवाली का त्योहार नहीं मनाया जाता।
आपको बता दें कि इस गांव में लगभग 250 की आबादी है। यादवपुरवा गांव के लोगों का कहना है कि दीपावली के दिन एक युवा की मौत हो गई थी, उसी के बाद से हम लोग दिवाली नहीं मना रहे हैं। अगर दिवाली मनाने की कोशिश करते हैं तो कोई अनहोनी हो जाती है. उस डर का प्रभाव आज भी है। वही परंपरा पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है।

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