एसआईआर प्रक्रिया में ‘ईमानदार अधिकारियों’ को पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त करे निर्वाचन आयोग: अखिलेश
एसआईआर प्रक्रिया में ‘ईमानदार अधिकारियों’ को पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त करे निर्वाचन आयोग: अखिलेश
लखनऊ, 18 दिसंबर (भाषा) समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने निर्वाचन आयोग से मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को निष्पक्ष व पारदर्शी बनाने और पूरी प्रक्रिया पर निगरानी रखने के लिये हर जिले में राज्य के ‘ईमानदार अधिकारियों’ को पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त करने की मांग की।
सपा के राष्ट्रीय सचिव एवं प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने यहां बताया कि पार्टी प्रमुख ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त को संबोधित करते हुए लिखे एक पत्र में उत्तर प्रदेश में जारी एसआईआर प्रक्रिया में स्थानीय अधिकारियों द्वारा आयोग के दिशा-निर्देशों से ‘इतर दिये जा रहे मौखिक आदेशों’ की ओर ध्यान आकर्षित किया।
उन्होंने बताया कि ज्ञापन में एसआईआर प्रक्रिया को निष्पक्ष एवं पारदर्शी बनाने के लिए सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करने तथा पूरी प्रक्रिया पर निगरानी रखने के लिये हर जिले में अन्य राज्यों के ईमानदार अधिकारियों को पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त करने की मांग की गयी।
सपा प्रमुख ने ज्ञापन में आरोप लगाया कि सूबे के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री विभिन्न जिलों में यात्रा के दौरान एसआईआर प्रक्रिया में लगे अधिकारियों को अपने राजनैतिक लाभ के लिये निर्देशित कर रहे हैं, जबकि एसआईआर की प्रक्रिया में मुख्यमंत्री व अन्य किसी भी मंत्री की कोई भूमिका अपेक्षित नहीं है।
यादव ने आरोप लगाया कि स्थानीय स्तर के अधिकारी बीएलओ को मतदाताओं की श्रेणी बदलने के लिये मौखिक रूप से निर्देशित कर रहे हैं ताकि सरकार के समर्थक मतदाताओं के नाम निर्बाध रूप मतदाता सूची में जुड़ सकें तथा विपक्षी दलों के समर्थकों को प्रक्रिया की जटिलताओं में उलझाकर उनकी संख्या कम की जा सके।
ज्ञापन में आरोप लगाया गया कि स्थानीय अधिकारियों द्वारा बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) को निर्देशित किया जा रहा है कि विदेश में नौकरी व व्यापार के उद्देश्य से रह रहे नागरिकों के नाम मतदाता सूची से हटाये जायें फिर चाहे उनके गणना प्रपत्र उनके या उनके किसी व्यस्क परिवारजनों द्वारा भरे गये हों।
सपा प्रमुख ने कहा कि अगर मतदाता सूची को शून्य मानकर नये सिरे से बनाया जा रहा है तो ऐसी स्थिति में भारत में रह रहे नागरिकों को भी फार्म-6 के माध्यम से मतदाता बनना चाहिए न कि गणना प्रपत्र के माध्यम से।
यादव ने ज्ञापन में कहा, “अतः हमारा पक्ष है कि वे सभी मतदाता जिनके नाम पहले से मतदाता सूची में दर्ज हैं और जिन्होंने भारत की नागरिकता का त्याग नहीं किया है, उन्हें सामान्य प्रक्रिया से ही मतदाता बनाया जाना चाहिये।”
भाषा सलीम जितेंद्र
जितेंद्र

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