पूर्व केन्‍द्रीय मंत्री स्‍वामी चिन्‍मयानंद दोषमुक्त, शिष्या के यौन शोषण का लगा था आरोप

Swami Chinmayanand sexual assault case: पूर्व केन्‍द्रीय मंत्री स्‍वामी चिन्‍मयानंद शिष्या के साथ यौन शोषण मामले में दोषमुक्त

पूर्व केन्‍द्रीय मंत्री स्‍वामी चिन्‍मयानंद दोषमुक्त, शिष्या के यौन शोषण का लगा था आरोप
Modified Date: February 1, 2024 / 09:10 pm IST
Published Date: February 1, 2024 8:40 pm IST

Swami Chinmayanand case:  शाहजहांपुर। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले की एक अदालत ने पूर्व केन्‍द्रीय गृह राज्य मंत्री स्‍वामी चिन्‍मयानंद को बृहस्पतिवार को एक शिष्या के साथ यौन शोषण के मामले में साक्ष्‍य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया।

स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती के अधिवक्ता फिरोज हसन खान ने पीटीआई-भाषा को बृहस्पतिवार को बताया कि स्थानीय सांसद-विधायक अदालत के अपर जिला न्‍यायाधीश एहसान हुसैन ने आज मामले की सुनवाई करते हुए साक्ष्‍य के अभाव में स्‍वामी चिन्‍मयानंद को बरी कर दिया।

शाहजहांपुर शहर में ही स्थित मुमुक्षु शिक्षा संस्थान के अधिष्ठाता एवं पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री पर उन्हीं के कॉलेज में पढ़ाने वाली उनकी एक शिष्या ने यौन शोषण का गंभीर आरोप लगाया था। पीड़िता ने अपनी तहरीर में स्वामी चिन्मयानंद पर दुराचार का आरोप लगाया था, जिसका मामला शहर कोतवाली पुलिस ने 30 नवंबर 2011 को दर्ज किया था।

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मामले की विवेचना पूरी करने के बाद पुलिस ने आरोप पत्र अदालत में दाखिल किया था, जिसके बाद सुनवाई चल रही थी।

उन्होंने कहा कि इस मामले में छह गवाह अभियोजन पक्ष की ओर से पेश किए गए तथा शासकीय अधिवक्ता नीलिमा सक्सेना ने भी बहस की है।

उन्होंने बताया कि अभियोजन पक्ष की ओर से चिकित्सक तथा पीड़िता के अलावा रिपोर्ट दर्ज करने वाले लेखक खुर्शीद तथा रेडियोलाजिस्ट एमपी गंगवार तथा बीपी गौतम ने गवाही दी है।

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खान ने बताया कि अदालत ने स्वामी चिन्मयानंद को इस मामले में दोषी न पाते हुए उन्हें बाइज्जत बरी कर दिया है।

गौरतलब है कि पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री तथा मुमुक्षु आश्रम के संस्थापक स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ उनकी शिष्या ने वर्ष 2011 में यौन शोषण का मामला दर्ज कराया था।

वर्ष 2018 में उत्तर प्रदेश सरकार ने यौन शोषण के इस मामले को वापस लेने के लिए जिलाधिकारी के माध्यम से न्यायालय को पत्र भेजा था। परंतु पीड़िता ने आपत्ति जताते हुए अदालत से अनुरोध किया था कि वह मामला वापस नहीं लेना चाहती है।

इसलिए मामला वापसी का प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया गया था, साथ ही स्वामी चिन्मयानंद के विरुद्ध जमानती वारंट जारी किया गया था।

इसके बाद चिन्मयानंद ने केस वापस लेने के लिए उच्च न्यायालय में अपील दायर की थी। जब उच्च न्यायालय ने भी उनकी अपील खारिज कर दी तो उन्होंने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, लेकिन शीर्ष अदालत ने भी उनकी अपील खारिज कर दी थी।

उच्च न्यायालय इलाहाबाद से यौन शोषण मामले में स्वामी चिन्मयानंद को 19 दिसंबर, 2022 को अग्रिम जमानत मिल गई थी। तबसे यह मामला अदालत में विचाराधीन था।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com