Plastic Dummy Funeral Exposed: बीमा राशि हड़पने गजब का फर्जीवाड़ा.. इंसान नहीं बल्कि इस चीज का कर रहे थे अंतिम संस्कार.. लाश का चेहरा दिखाते ही मचा हड़कंप
Hapur Fake Cremation Case: गढ़मुक्तेश्वर की पुलिस क्षेत्राधिकारी स्तुति सिंह ने बताया, "हमें सूचना मिली थी कि बृजघाट इलाके में श्मशान घाट के पास एक व्यक्ति प्लास्टिक की डमी का अंतिम संस्कार कर रहा है।"
Hapur Fake Cremation Case Exposed || Image- TRUE STORY File
- प्लास्टिक डमी का अंतिम संस्कार पकड़ा गया
- 50 लाख बीमा फर्जीवाड़ा उजागर
- दो आरोपी हिरासत में लिए गए
Hapur Fake Cremation Case Exposed: हापुड़: उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहाँ के गढ़मुक्तेश्वर में दाह संस्कार में लोगों की मदद करने वाले एक व्यक्ति ने एक फर्जी अंतिम संस्कार का पर्दाफाश किया है। मामले में शामिल दो लोगों को हिरासत में लिया गया है। दोनों 50 लाख रुपये के बीमा का दावा करने के लिए एक प्लास्टिक के पुतले का अंतिम संस्कार करने की कोशिश कर रहे थे।
Hapur Fake Cremation Case: पूछताछ करने पर बनाने लगे बहाने
श्मशान घाट के कर्मचारी ने पुलिस को बताया कि घी और दूसरी ज़रूरी चीज़ें ख़रीदकर बृजघाट पहुँचे थे। कुछ लोगों को महसूस हुआ कि, शरीर का वज़न हल्का लग रहा है तो उन्होंने लाश का चेहरा दिखाने को कहा। उन्होंने देखा कि वह लाश नहीं बल्कि एक पुतला था। उनसे जब पूछा गया कि वे क्या कर रहे हैं तो वे बहाने बनाने लगे, जिसके बाद पुलिस को फ़ोन किया गया। पुलिस के अनुसार, जब उनसे शव दिखाने को कहा गया तो वे हिचकिचाए। आखिरकार पता चला कि कपड़े के नीचे एक प्लास्टिक का पुतला रखा था।
Garmukteshwar Cremation Fraud News: भागने में सफल रहे दो लोग
Hapur Fake Cremation Case Exposed: गढ़मुक्तेश्वर की पुलिस क्षेत्राधिकारी स्तुति सिंह ने बताया, “हमें सूचना मिली थी कि बृजघाट इलाके में श्मशान घाट के पास एक व्यक्ति प्लास्टिक की डमी का अंतिम संस्कार कर रहा है।” उन्होंने बताया कि दिल्ली के एक व्यापारी और उसके सहयोगी समेत दो लोगों को हिरासत में लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। सूत्रों के अनुसार, उनके साथ मौजूद दो अन्य लोग मौके से भागने में सफल रहे।
Hapur Crime News in Hindi: दो के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर
सिंह ने बताया कि दिल्ली निवासी कमल सोमानी पर 50 लाख रुपये का कर्ज़ था। कर्ज़ चुकाने के लिए उन्होंने एक साल पहले अपने कर्मचारी अंशुल कुमार के नाम पर एक बीमा पॉलिसी ली थी, जिसकी जानकारी उन्हें थी। अधिकारी ने बताया, वह डमी का अंतिम संस्कार कर रहे थे। वह अपने कर्मचारी के नाम पर मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाना चाहता था ताकि कर्ज़ चुकाया जा सके। हमने एफआईआर दर्ज कर ली है और जाँच शुरू कर दी है। अधिकारियों के अनुसार, जब अंशुल कुमार से संपर्क किया गया तो उन्होंने पुलिस को बताया कि वह प्रयागराज में हैं और उन्हें घटना के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
UP के ज़िला हापुड़ के ब्रजघाट पर दिल्ली से शव का अंतिम संस्कार करने आए 4 लोगो क़ो स्थानीय लोगो ने दौड़ा लिया। 2 युवक भाग गए। जबकि कमल व आशीष पकड़ लिए गए।
दरअसल कार सवार अर्थी में बँधी लाश के स्थान पर प्लास्टिक का डमी लेकर आए थे। इन लोगो ने न कोई पंडित बुलाया न ही अंतिम संस्कार… pic.twitter.com/4eP31uTyAi
— TRUE STORY (@TrueStoryUP) November 27, 2025
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