हाथरस ‘सामूहिक बलात्कार’: राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि मामले में सुनवाई चार दिसंबर को होगी

हाथरस ‘सामूहिक बलात्कार’: राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि मामले में सुनवाई चार दिसंबर को होगी

हाथरस ‘सामूहिक बलात्कार’: राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि मामले में सुनवाई चार दिसंबर को होगी
Modified Date: November 4, 2025 / 09:14 pm IST
Published Date: November 4, 2025 9:14 pm IST

हाथरस/लखनऊ (उप्र), चार नवंबर (भाषा) जिले की स्थानीय सांसद-विधायक अदालत ने मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज मानहानि के मामले में सुनवाई की अगली तारीख चार दिसंबर तय की है। यह मुकदमा वर्ष 2020 के हाथरस ‘सामूहिक बलात्कार’ मामले में बरी किए गए तीन युवकों को कथित तौर पर ‘आरोपी’ कहने से जुड़ा है।

अदालत ने इस मामले की जांच सादाबाद के पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) को सौंपी है। बरी किए गए तीन लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील मुन्ना सिंह पुंढीर ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘अदालत ने सादाबाद के डीएसपी को जांच करने का निर्देश दिया है क्योंकि प्रतिवादी पक्ष (राहुल गांधी) संबंधित अदालत (इस मामले में सांसद-विधायक अदालत) के अधिकार क्षेत्र से बाहर रहते हैं।’’

वर्ष 2020 के हाथरस ‘सामूहिक बलात्कार’ मामले में बरी किए गए रवि, राम कुमार उर्फ ​​रामू और लवकुश की ओर से राहुल गांधी के खिलाफ तीन अलग-अलग मामले दर्ज किए गए थे, जब उन्होंने कथित तौर पर उन्हें ‘आरोपी’ कहा था।

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गांधी ने कथित तौर पर 12 दिसंबर, 2024 को बुलगढ़ी गांव में यह टिप्पणी की थी, जिसमें उन्होंने कहा था, ‘‘आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं, जबकि पीड़िता का परिवार घर के अंदर बंद है।’’

वकील ने कहा कि यह टिप्पणी उन युवकों के लिए ‘मानहानि करने वाली और अपमानजनक’ थी, जिन्हें केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) अदालत ने ढाई साल जेल में बिताने के बाद बरी कर दिया था।

पुंढीर ने कहा, ‘‘राहुल गांधी को डेढ़ करोड़ रुपये का कानूनी नोटिस भेजा गया था, जिसमें तीनों बरी किए गए लोगों के लिए 50-50 लाख रुपये की मांग की गई थी।’’ उन्होंने आगे कहा कि गांधी की ओर से कोई जवाब नहीं मिला, जिसके बाद शिकायत दर्ज कराई गई।

सितंबर 2020 में हाथरस की एक दलित लड़की से कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया गया था। बाद में दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

उसके गांव के चार लोगों, राम कुमार, लवकुश, रवि और संदीप पर अपराध करने का आरोप लगाया गया था। पुंढीर ने कहा कि सीबीआई जांच और मुकदमे के बाद, केवल संदीप ही गैर इरादतन हत्या और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत दोषी पाए जाने के बाद जेल में है।

भाषा सं अरूनव जफर संतोष

संतोष


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