अंतरराष्ट्रीय योग दिवस: उत्तर प्रदेश सरकार अपने कार्यालयों में योग-अवकाश की व्यवस्था लागू करेगी

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस: उत्तर प्रदेश सरकार अपने कार्यालयों में योग-अवकाश की व्यवस्था लागू करेगी

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस: उत्तर प्रदेश सरकार अपने कार्यालयों में योग-अवकाश की व्यवस्था लागू करेगी
Modified Date: June 18, 2025 / 08:09 pm IST
Published Date: June 18, 2025 8:09 pm IST

लखनऊ, 18 जून (भाषा) देश-विदेश में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाए जाने से पहले, उत्तर प्रदेश सरकार ने रोजमर्रा के शासन एवं कार्यालयों के परिवेश में योग को शामिल करने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं और इस उद्देश्य के लिए ‘वाई-ब्रेक’ (योग के लिए अवकाश) प्रोटोकॉल लागू किया जाएगा।

राज्य सरकार द्वारा बुधवार को यहां जारी एक बयान के मुताबिक केंद्र सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा सुझाए गए ‘वाई-ब्रेक’ प्रोटोकॉल को अब उत्तर प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालयों में लागू किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।

‘वाई-ब्रेक’ यानी ‘योग अवकाश’ को सरकारी कर्मचारियों की दिनचर्या में शामिल करने की योजना बनाई गई है।

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बयान के अनुसार ‘वाई-ब्रेक’ एक संक्षिप्त योग अभ्यास है जिसे खासतौर पर दफ्तरों और कार्यस्थलों पर काम करने वालों के लिए तैयार किया गया है। इसकी अवधि पांच से 10 मिनट की होती है और इसमें गर्दन, कमर, पीठ से जुड़ी हल्की योग क्रियाएं, गहरी श्वास और ध्यान जैसे अभ्यास शामिल हैं। इसका उद्देश्य काम के बीच मानसिक थकान को दूर करना, शरीर में खिंचाव और स्फूर्ति लाना, मन को पुनः केंद्रित और ऊर्जावान बनाना है।

बयान के अनुसार योग के प्रचार-प्रसार के लिए केंद्र सरकार के डिजिटल संसाधनों जैसे ‘नमस्ते योग ऐप’, ‘वाई-ब्रेक ऐप’, योग कैलेंडर, योग शब्दकोश का उपयोग किए जाने के निर्देश दिए गए हैं और इनका व्यापक इस्तेमाल सुनिश्चित करने के लिए जागरुकता अभियान चलाया जाएगा।

बयान के मुताबिक उत्तर प्रदेश सरकार की मंशा है कि केवल सरकारी दफ्तर ही नहीं, बल्कि सामुदायिक स्तर पर भी योग संस्कृति विकसित हो जिसके लिए गैर सरकारी संगठनों के माध्यम से योग विशेषज्ञों को जोड़ा जाएगा व योग कार्यशाला तथा ऑनलाइन प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जाएंगे।

इस पहल में ‘रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशंस’ (आरडब्ल्यूए) की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी, जिससे योग केवल अधिकारियों और कर्मचारियों तक सीमित न रह जाए बल्कि आमजन के जीवन का भी हिस्सा बने।

भाषा सलीम खारी

खारी


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