12 lakh ration cards of the state be canceled! | Ration Card Canellation Latest Updates
12 lakh ration cards of the state be canceled! : लखनऊ: कोरोना काल यानी 2020 में गरीब और मजदूर परिवारों के पेट की चिंता करते हुए केंद्र की सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की शुरुआत की थी। इस स्कीम के तहत यह फैसला लिया गया था कि देशभर के 80 करोड़ लोगों को निशुल्क रसाहन उपलब्ध कराया जाएगा। हालांकि तब यह एक अस्थाई योजना थी लेकिन केंद्र सरकार की तरफ से कई दफे इसकी मियाद बढ़ाई जा चुकी हैं। तीसरी पारी की शुरुआत के साथ ही पीएम ने फिर से एक बार इस योजना को जारी रखने की बात कही है।
केंद्र सरकार के दावें के मुताबिक़ इस योजना का मुख्य उद्देश्य सभी गरीब लोगों को राशन देकर आर्थिक रूप से मदद करना, सभी गरीब परिवार को 5 किलो ग्राम प्रतिमाह अनाज देना और गरीब लोगों को मुक्त में राशन देना है। बात इस योजना के फायदे की करें तो इस योजना के माध्यम से देश के 80 करोड़ लोगों को सीधा लाभ दिया जा रहा है। इसके अलावा अंत्योदय एवं घरेलू कार्ड वाले को इस योजना के माध्यम से राशन मुहैय्या कराया जा रहा है वही घरेलू कार्ड वाली के मुकाबले अंत्योदय वाले को दोगुना राशन दिया जा रहा है।
12 lakh ration cards of the state be canceled! बहरहाल अब इन सबसे अलग एक खबर उत्तर प्रदेश से निकलकर सामने आई है। दरअसल यूपी में पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (PDS) से जुड़े राशन कार्डों के डिजिटल वेरीफिकेशन में बड़ी धांधली सामने आई है। जांच में पाया गया कि 11.89 लाख अपात्र परिवार सरकार की मुफ्त राशन योजना का फायदा ले रहे हैं। ये आंकड़े वाकई चौंकाने वाले हैं। इसी कारण राज्य का खाद्य एवं रसद विभाग जिला स्तर पर दोबारा जांच करा रहा है। इसके अलावा इस तरह की किसी भी धांधली से निपटने के लिए राशन कार्डलाभार्थियों का ई-केवाईसी भी कराया जा रहा है। राशन कार्ड में मौजूद सभी यूनिट का ‘बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन’ किया जा रहा है। इसके साथ ही करीब 4 करोड़ यूनिट का ई-केवाईसी का काम भी हो चुका है।
राशन कार्ड में मुफ्त राशन के नाम पर बड़ी धांधली का आरोप लग रहा था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर चल रही जांच में आयकरदाताओं के भी फ्री राशन का फायदा लेने की जानकारी सामने आई है। 7.27 लाख यूनिट इनकमटैक्स पेयर्स ऐसे थे, जो राज्य में फ्री राशन का फायदा ले रहे हैं। मुफ्त राशन लेने वालों टैक्सपेयर्स के आंकड़े सीबीडीटी से हासिल किया गया है। यह आधार से लिंक कराए गए पैन कार्ड के बेस पर संभव हुआ है। ढाई लाख मामले ऐसे सामने आए जिसमें निराश्रित महिला पेंशन लाभार्थी के पति मौजूद हैं।