Mayawati Rally in Lucknow: बसपा संस्थापक कांशीराम के लिए ‘भारत रत्न’ की मांग.. करीब 9 सालो बाद मायावती ने दिखाई ताकत.. स्मारक में उमड़ा जनसैलाब

बसपा प्रमुख ने आम आदमी पार्टी पर भी निशाना साधा और कहा कि दिल्ली में बिजली, पानी और स्वास्थ्य को लेकर जो रियायतों की बात की जा रही है, वो सिर्फ कागजों तक सीमित हैं।

Mayawati Rally in Lucknow: बसपा संस्थापक कांशीराम के लिए ‘भारत रत्न’ की मांग.. करीब 9 सालो बाद मायावती ने दिखाई ताकत.. स्मारक में उमड़ा जनसैलाब

Mayawati Rally in Lucknow || Image- ibc24 News File

Modified Date: October 9, 2025 / 10:48 am IST
Published Date: October 9, 2021 10:39 am IST
HIGHLIGHTS
  • मायावती ने कांशीराम को भारत रत्न देने की मांग की
  • कांग्रेस को दलित वोट नहीं देंगे: मायावती
  • सर्वेक्षणों पर चुनाव से पहले रोक लगाने की मांग

Mayawati Rally in Lucknow: लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने शनिवार को कांशीराम के 15वें परिनिर्वाण दिवस पर कांशीराम स्मारक स्थल पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में कहा कि उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में अगर बसपा की सरकार बनी तो केंद्र और राज्य सरकार की जनहितकारी योजनाओं को रोका नहीं जाएगा, बल्कि उन्हें समय पर पूरा कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि सत्ता में आने पर पुरानी सड़कों, पुलों, अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों और शिक्षण संस्थानों को पहले सुधारा जाएगा। मायावती ने यह भी घोषणा की कि वह जल्द ही निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर चुनाव से छह महीने पहले से मतदान तक सर्वेक्षणों पर रोक लगाने की मांग करेंगी।

सपा और भाजपा पर निशाना

मायावती ने कहा कि जनता सत्ता परिवर्तन का मन बना चुकी है और उन्होंने बसपा संस्थापक कांशीराम को भारत रत्न देने की भी मांग की। उन्होंने सपा और भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी सरकार बदले की भावना से किसी योजना को नहीं रोकेगी और न ही नाम बदलने का नाटक किया जाएगा। पश्चिम बंगाल का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों के आंकड़े अक्सर गलत साबित होते हैं और ममता बनर्जी की जीत इसका प्रमाण है। मायावती ने चेताया कि ऐसे सर्वेक्षणों के बहकावे में न आएं।

‘कांग्रेस को दलित नहीं देंगे वोट’

Mayawati Rally in Lucknow: बसपा प्रमुख ने आम आदमी पार्टी पर भी निशाना साधा और कहा कि दिल्ली में बिजली, पानी और स्वास्थ्य को लेकर जो रियायतों की बात की जा रही है, वो सिर्फ कागजों तक सीमित हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कुछ छोटी पार्टियां ऐसी भी हैं, जो अकेले या गठबंधन में चुनाव लड़कर सत्ताधारी दल को फायदा पहुंचाने का काम करती हैं। कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए उन्होंने कहा कि भले ही कांग्रेस दलित को मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री या पार्टी प्रमुख बना दे, लेकिन दलित उसे वोट नहीं देंगे। भाजपा, सपा, कांग्रेस, आप, ओवैसी की पार्टी, शिवसेना जैसी पार्टियों पर भी मायावती ने चुनावी वादों को लेकर सवाल उठाए और कहा कि इनमें रत्ती भर भी दम नहीं है।

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गौरतलब है कि करीब नौ सालो बाद मायावती ने लखनऊ में यह बड़ी रैली को सम्बोधित किया है। उस रैली में भी हजारों की संख्या में समर्थक उमड़े थे। तब भी भीड़ इतनी ज्यादा थी कि, भगदड़ के दौरान तीन लोगों ने दम तोड़ दिया था। बहरहाल अब देखना होगा कि, यह जनसभा चुनावों में किस तरह बसपा के लिए फायदेमंद साबित होती है।


सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

लेखक के बारे में

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