Mahoba shooting incident revealed : महोबा। यूपी के महोबा मुख्यालय में बीते दिनों ताबड़तोड़ हुई फायरिंग के मामले में पुलिस ने आज खुलासा कर दिया। अपने दुश्मन को फसाने के लिए ही पीड़ित ने अपनी बुआ के साथ मिलकर खौफनाक साजिश को अंजाम दिया था। इस सनसनीखेज गोलीकांड का वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल हुआ था। कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े होने पर जनपद की स्वाट, सर्विलांस और शहर कोतवाली पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज, डीसीआर सहित अन्य साक्ष्य के आधार पर जब खुलासा किया तो सभी हैरत में पड़ गए।
पीड़ित की सगी बुआ ने ही अपराधिक व्यक्तियों के साथ मिलकर ताबड़तोड़ फायरिंग कर विपक्षी को फंसाया था। पुलिस ने घटना के मुख्य आरोपी बुआ-भतीजा सहित 6 लोगों को गिरफ्तार कर तीन अवैध तमंचे, कारतूस, बीस हजार की नगदी सहित वारदात में इस्तेमाल की गई कार को भी बरामद कर लिया है। पुलिस की निष्पक्षता से एक बेगुनहा की जिंदगी बच गई जिसकी लोग प्रशंसा कर रहे है।
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Mahoba shooting incident revealed : दरअसल, महोबा शहर के समद नगर इलाके में बीती 7 जनवरी को पुलिस से बेखौफ दबंगों ने कई राउंड फायरिंग कर दहशत फैलाई थी। इस मामले में मोहल्ले में ही रहने वाले राज तिवारी ने पुरानी रंजिश के चलते शहर के लईक खान पर ताबड़तोड़ फायरिंग करने का गंभीर आरोप लगाया था। जिस आधार पर पुलिस ने धारा 307 का मुकदमा दर्ज किया था। ताबड़तोड़ फायरिंग का वीडियो वायरल होने से महोबा पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े होने के साथ-साथ कानून व्यवस्था को लेकर भी सवाल खड़े हुए थे। ऐसे में चर्चित गोलीकांड मामले के खुलासे के लिए पुलिस अधीक्षक अपर्णा गुप्ता द्वारा तीन टीमों का गठन किया गया था।
जनपद की स्वाट, सर्विलांस और शहर कोतवाली पुलिस की टीम ने सीसीटीवी फुटेज, सीडीआर सहित अन्य साक्ष्यों में पाया कि अपने दुश्मन को फसाने के लिए सोची समझी साजिश के तहत खौफनाक वारदात को पीड़ित बने राज तिवारी ने ही अपनी बुआ संतोषी के साथ मिलकर अंजाम दिया था। मुख्य साजिश करता बुआ संतोषी ने पुलिस को बताया कि उसके भतीजे राज का विवाद मोहल्ले में ही रहने वाले कुछ लोगों से हुआ था जिन्हें बड़े मामले में फंसने के लिए छतरपुर से आपराधिक कृष्ण के छह व्यक्तियों के साथ इस वारदात को अंजाम देना सामने आया है। इस आधार पर पुलिस ने बुआ-भतीजा सहित छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है जबकि दो अन्य अभी भी फरार हैं।
मध्य प्रदेश के छतरपुर में रहने वाली संतोषी तिवारी ने अपने सगे भतीजे राज के दुश्मन को फसाने के लिए खौफनाक साजिश को अंजाम दिया। वारदात के दिन मध्य प्रदेश से आए आपराधिक व्यक्तियों द्वारा ताबड़तोड़ फायरिंग कर झूठी शिकायत पुलिस में की गई। लेकिन कानून के लंबे हाथों से संतोषी और उसका भतीजा राज तिवारी सहित 6 लोग मामले में गिरफ्तार कर लिए गए। उनके पास से तीन अवैध तमंचे, कारतूस साथ ही वारदात में इस्तेमाल की गई कार और जामा तलाशी में 20 हजार रुपए की नगदी बरामद की गई है। पुलिस ने सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हुए सनसनीखेज वारदात का खुलासा किया।
पुलिस अधीक्षक का अपर्णा गुप्ता बताती है कि शहर में ताबड़तोड़ फायरिंग के मामले में पुलिस की निष्पक्ष कार्यशैली और दूरदर्शिता से एक बेगुन्हा की न केवल जिंदगी बची है बल्कि असली आरोपी सलाखों के पीछे पहुंच गए है। उन्होंने बताया कि पकड़े गए आरोपियों का पुराना आपराधिक इतिहास भी है जबकि दो अन्य फरार अभिक्तों की तलाश की जा रही है। पकड़े गए अभियुक्तों में बुआ संतोषी, भतीजा राज, चंद्रशेखर, अंकित सेन, नफीस खान, नरेंद्र सेन वहीं फरार अभियुक्त लल्लन पाल और कैलाश प्रजापति की तलाश की जा रही है।