बहराइच में नर तेंदुआ मृत पाया गया, दूसरे जानवर से संघर्ष के कारण मौत का अंदेशा

बहराइच में नर तेंदुआ मृत पाया गया, दूसरे जानवर से संघर्ष के कारण मौत का अंदेशा

बहराइच में नर तेंदुआ मृत पाया गया, दूसरे जानवर से संघर्ष के कारण मौत का अंदेशा
Modified Date: May 25, 2025 / 10:11 am IST
Published Date: May 25, 2025 10:11 am IST

बहराइच (उप्र), 25 मई (भाषा) बहराइच जिले में कतर्नियाघाट वन अभयारण्य में भारत-नेपाल सीमा के निकट एक नर तेंदुआ मृत पाया गया। वन विभाग के एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।

अधिकारी ने बताया कि अंदेशा है कि संभवत: बाघ अथवा किसी बड़े जानवर के साथ संघर्ष के कारण तेंदुए की मौत हुई होगी।

प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) बी. शिवशंकर ने संवाददाताओं को बताया कि शनिवार को वनकर्मी भारत-नेपाल सीमावर्ती जंगल में गश्त पर थे तभी कतर्नियाघाट वन अभयारण्य के कतर्निया रेंज की कौड़ियाला बीट में तेंदुआ मृत मिला।

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अधिकारियों ने मौके पर पहुंच कर आरंभिक जांच के बाद मृत तेंदुए को कब्जे में लिया और उसे रेंज कार्यालय लाया गया।

डीएफओ ने बताया कि तीन पशु चिकित्सकों ने राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की मानक संचालन प्रक्रिया के तहत मृत तेंदुए का पोस्टमार्टम किया गया तथा बाद में उसका अंतिम संस्कार किया गया।

उन्होंने बताया कि मृत तेंदुए का विसरा संरक्षित कर उसे विस्तृत जांच हेतु आईवीआरआई बरेली भेजा जा रहा है।

उन्होंने बताया कि मृत तेंदुए की उम्र करीब आठ वर्ष थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में श्वास में नली पंचर होने के कारण मौत की बात सामने आई है।

शिवशंकर ने बताया कि घटनास्थल के निरीक्षण व आरंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर अनुमान लगाया जा रहा है कि किसी बाघ अथवा बड़े जानवर से संघर्ष के कारण तेंदुए की मौत हुई है। तेंदुए का कोई अंग गायब नहीं था।

इससे पहले गत सोमवार को डीएफओ बी. शिवशंकर ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा था कि ‘‘कतर्नियाघाट वन प्रभाग करीब 550 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। जंगल में एक बाघ करीब 25 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को अपना प्रभाव क्षेत्र मानता है और तेंदुओं को वहां से खदेड़ता रहता है।’’

वर्ष 2025 की शुरुआत से अब तक कतर्नियाघाट वन प्रभाग के अलग-अलग क्षेत्रों में चार तेंदुए, एक बाघ और एक हाथी मृत मिल चुके हैं। शनिवार को तेंदुए की मौत की पांचवीं घटना सामने आई है। इससे पूर्व 2024 में भी यहां चार तेंदुए और एक बाघ मृत मिले थे।

अनुमान के मुताबिक मौजूदा समय में कतर्नियाघाट के जंगलों में लगभग 100 तेंदुए और 70-80 बाघ हैं। जंगल के बाहर उससे सटे ग्रामीण इलाकों में भी करीब 150 तेंदुए मौजूद हो सकते हैं।

भाषा सं आनन्द खारी

खारी


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