उत्तर प्रदेश के मदरसों में पूरे उत्साह से गाया गया राष्ट्रगान |

उत्तर प्रदेश के मदरसों में पूरे उत्साह से गाया गया राष्ट्रगान

उत्तर प्रदेश के मदरसों में पूरे उत्साह से गाया गया राष्ट्रगान

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 09:01 PM IST, Published Date : May 13, 2022/8:53 pm IST

लखनऊ, 13 मई (भाषा) उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अनिवार्य किए जाने के बाद राज्य के विभिन्न मदरसों में शुक्रवार को पूरे उत्साह के साथ प्रार्थना के समय राष्ट्रगान भी गाया गया।

राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी मदरसों में सुबह कक्षाएं शुरू होने से पहले होने वाली प्रार्थना के दौरान अन्य दुआओं के साथ राष्ट्रगान का गायन भी अनिवार्य कर दिया है। इस सिलसिले में उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड के रजिस्ट्रार एस एन पांडे ने पिछली नौ मई को प्रदेश के सभी जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को पत्र भेजा था।

हालांकि यह निर्णय बृहस्पतिवार से लागू हो गया था, लेकिन राज्य के ज्यादातर मदरसों में रमजान की छुट्टियां 11 मई को समाप्त होने के बाद बृहस्पतिवार को पहले दिन बच्चों की कम उपस्थिति के कारण मदरसे सामान्य तरीके से नहीं खुले।

शुक्रवार को अधिकतर मदरसों में जुमे (शुक्रवार) की छुट्टी रही, मगर जो मदरसे खुले, उनमें सुबह प्रार्थना के समय राष्ट्रगान गाया गया।

प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने मदरसों में राष्ट्रगान अनिवार्य करने के राज्य सरकार के कदम के बारे में ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि इसका मकसद मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों में राष्ट्रभक्ति की भावना को और भी मजबूत करना है।

उन्होंने कहा कि मदरसों का देश की आजादी में अहम योगदान रहा है और सरकार चाहती है कि मदरसे में पढ़ने वाले छात्र उस विरासत को हमेशा याद रखें। उन्होंने कहा कि जब वह रोज सुबह राष्ट्रगान गाएंगे तो उनमें राष्ट्र के प्रति प्रेम की भावना और मजबूत होगी।

राज्य के मुस्लिम बहुल जिले सहारनपुर से अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी भरत लाल गोंड के हवाले से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक आज जुमा होने के कारण अनेक मदरसों में छुट्टी थी लेकिन जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जो भी मदरसे खुले वहां सुबह सभी छात्रों और शिक्षकों ने पूरे उत्साह से राष्ट्रगान गाया।

उन्होंने बताया कि खासकर बच्चों में राष्ट्रगान को लेकर विशेष उत्साह देखा जा रहा है।

उन्होंने बताया कि जिले के देवबंद स्थित इस्लामी शिक्षण संस्थान ‘दारुल उलूम देवबंद’ में अभी छुट्टियां चल रही हैं, लिहाजा वहां राष्ट्रगान नहीं हुआ।

बदायूं से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक जिले के विभिन्न मदरसों में आज राष्ट्रगान गाया गया। इस दौरान शिक्षकों ने बच्चों को राष्ट्रगान का महत्व बताया और यह भी समझाया कि राष्ट्रगान समय सीमा के भीती पूरा होना चाहिए।

मदरसा हिकमत खां के संचालक राशिद खान ने बताया कि मदरसों में स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस और गांधी जयंती पर पहले से ही राष्ट्रगान गाया जाता रहा है। यह देश सबका है और राष्ट्रगान देश के सम्मान का प्रतीक है। इसे गाने में किसी मदरसे को कोई आपत्ति नहीं है।

उन्होंने कहा कि मदरसों ने हमेशा से राष्ट्रगान का सम्मान किया है। उन्होंने कहा कि मदरसों में ही नहीं बल्कि हर बोर्ड के स्कूल-कॉलेजों में राष्ट्रगान को अनिवार्य किया जाना चाहिए।

गोरखपुर से जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी आशुतोष पांडे के हवाले से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक जिले के 243 मदरसों में से ज्यादातर में आज सुबह अन्य पारंपरिक दुआओं के साथ राष्ट्रगान का गायन किया गया

उन्होंने बताया कि राष्ट्रगान को लेकर तमाम मदरसों में काफी उत्साह देखा गया और राष्ट्रगान गाते वक्त खींची गई फोटो भी व्हाट्सएप तथा अन्य सोशल मीडिया माध्यमों से साझा की गईं।

गौरतलब है कि सरकार के आदेश के मुताबिक राज्य के सभी मान्यता प्राप्त अनुदानित और गैर अनुदानित मदरसों में आगामी शिक्षण सत्र से कक्षाएं शुरू होने से पहले अन्य दुआओं के साथ समवेत स्वर में शिक्षकों और छात्र-छात्राओं को राष्ट्रगान का गायन अनिवार्य रूप से करना होगा। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को इस आदेश का पालन सुनिश्चित कराने के लिए नियमित रूप से निगरानी करनी होगी।

टीचर्स एसोसिएशन मदारिस अरबिया के महामंत्री दीवान साहब जमां खां ने बताया कि मदरसों में अभी तक कक्षाएं शुरू होने से पहले आमतौर पर हम्द (अल्लाह की तारीफ) और सलाम (मोहम्मद साहब का अभिवादन) पढ़ा जाता था। कुछ जगहों पर राष्ट्रगान भी गाया जाता था मगर यह अनिवार्य नहीं था। अब इसे लाजमी कर दिया गया है।

उत्तर प्रदेश में इस वक्त कुल 16461 मदरसे हैं, जिनमें से 560 को सरकार से अनुदान प्राप्त होता है।

भाषा सलीम

राजकुमार रंजन

रंजन

 

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