Sambhal Neja Fair: संभल में नहीं होगा नेजा मेले का आयोजन, ढाल-पताका लगने की जगह को सीमेंट से भरा, पुलिस बोली- लुटेरों के नाम पर नहीं होगा कार्यक्रम
संभल में नहीं होगा नेजा मेले का आयोजन, एक सप्ताह पूर्व ढाल गाड़ने वाली जगह को कराया गया बंद, Neja fair will not be organized in Sambhal, the place where shields are buried was closed a week ago
Sambhal Neja Fair
रायपुरः Sambhal Neja Fair यूपी के संभल जिले में सैयद सालार मसूद गाजी के नाम पर लगने वाले ‘नेजा मेले’ का आयोजन अब नहीं होगा। यूपी के संभल जिले में सैयद सालार मसूद गाजी के नाम पर लगने वाले ‘नेजा मेले’ का आयोजन अब नहीं होगा। वहीं अब पुलिस ने एक सप्ताह पूर्व ढाल गाड़ने वाली जगह को पुलिस ने बंद करा दिया है। पुलिस ने मेले के आयोजन को देशद्रोह बताया है।
Sambhal Neja Fair दरअसल, महमूद गजनवी के भांजे और सैन्य कमांडर सैयद सालार मसूद गाजी की याद में वार्षिक ‘नेजा मेले’ का आयोजन किया जाता है। कमेटी के सदस्य सोमवार को कोतवाली में अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) श्रीश चंद्र से मिले, जहां अधिकारी ने साफ शब्दों में सालार मसूद गाजी के नाम पर मेले के आयोजन को अनुमति देने से इनकार कर दिया। ढाल गाड़ने को लेकर एक स्थान पर गड्डा बना हुआ था। पुलिस और प्रशासन ने गड्डा बंद करा कर ढाल नहीं गाड़ने देने की चेतावनी दी। मौके पर भारी पुलिस फोर्स पहुंच गई। सोमवार को भी एएसपी ने चेतावनी दी थी कि देश के लुटेरे की याद में नेजा मेला नहीं लगाने दिया जाएगा। उन्होंने कमेटी के लोगों से स्पष्ट किया कि इतिहास गवाह है वह (मसूद गाजी) महमूद गजनवी का सेनापति था, जिसने सोमनाथ को लूटा और कत्लेआम किया।
पहले भी अनुमति को लेकर की थी मुलाकात
इससे पहले ‘नेजा कमेटी’ के पदाधिकारियों ने एसडीएम डॉ। बंदना मिश्रा से भी मुलाकात की थी। पदाधिकारियों ने उनसे मेले के आयोजन की अनुमति मांगी थी, लेकिन तब भी एसडीएम ने साफ कर दिया था कि ‘नेजा मेले’ के नाम पर कोई अनुमति नहीं दी जाएगी। वहीं, पदाधिकारियों ने तर्क दिया कि ‘नेजा मेला’ सदियों पुरानी परंपरा है और इसे उसी स्वरूप में आयोजित किया जाना चाहिए। लेकिन प्रशासन ने स्पष्ट किया कि सामाजिक सौहार्द बनाए रखने के लिए अनुमति नहीं दी जाएगी।
➡️संभल में महमूद गजनवी के भांजे और सेनापति अब्दुल सालार गाजी की याद में लगने वाले नेजा मेले पर विवाद बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को पुलिस ने मेले की शुरुआत से पहले जहां झंडा (ढाल) लगाया जाता था, उसे गढ्ढे को सीमेंट से बंद करवा दिया। जहां मेला लगता है, वहां भारी संख्या में फोर्स… pic.twitter.com/1Bw5AZsQZB
— IBC24 News (@IBC24News) March 18, 2025

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