किसी ने नहीं सोचा था कि आरएसएस 100 साल में दुनिया का सबसे बड़ा संगठन बन जाएगा: राजनाथ सिंह

किसी ने नहीं सोचा था कि आरएसएस 100 साल में दुनिया का सबसे बड़ा संगठन बन जाएगा: राजनाथ सिंह

किसी ने नहीं सोचा था कि आरएसएस 100 साल में दुनिया का सबसे बड़ा संगठन बन जाएगा: राजनाथ सिंह
Modified Date: October 18, 2025 / 11:31 pm IST
Published Date: October 18, 2025 11:31 pm IST

लखनऊ, 18 अक्टूबर (भाषा) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि किसी ने भी यह अनुमान नहीं लगाया होगा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) सौ साल के भीतर दुनिया का सबसे बड़ा संगठन बन जाएगा।

लखनऊ में एक कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए, सिंह ने कहा, ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना लगभग 100 साल पहले एक कमरे में हुई थी तब सिर्फ उसमें पांच सात लोग थे और किसी ने सोचा भी नहीं था कि यह 100 वर्ष पूरे होते ही विश्व का सबसे बड़ा संगठन बनेगा।”

उन्होंने दावा किया कि भाजपा का दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी होना ‘ईश्वरीय आशीर्वाद’ है। सिंह ने इस वृद्धि का श्रेय ‘कई लोगों के ऋषियों और तपस्वियों जैसा जीवन जीने’ को दिया।

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देश की प्रगति का जिक्र करते हुए, उन्होंने कहा, ‘(अर्थव्यवस्था के मामले में) 2014 में, हम 11वें स्थान पर थे, और आज, प्रधानमंत्री के नेतृत्व में, हम चौथे स्थान पर पहुंच गए हैं। आर्थिक विशेषज्ञों का अनुमान है कि हम दो से तीन साल के भीतर तीसरे स्थान पर पहुंच जाएंगे।’

सिंह लखनऊ से लोकसभा सदस्य हैं। उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं से नियमित रूप से मिलने की इच्छा व्यक्त की, और कहा कि एक संसद सदस्य के रूप में उनका काम कार्यकर्ताओं के प्रयासों का परिणाम है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा, ‘आपकी तरह, मैं भी एक कार्यकर्ता हूं।’

उन्होंने कहा कि हर संगठन की एक प्रणाली होती है, और व्यक्तियों की क्षमताओं के अनुसार जिम्मेदारियां सौंपी जाती हैं।

रक्षा मंत्री ने कहा, ‘हर किसी की ज़िम्मेदारियां अलग-अलग होती हैं; हर कोई अपने तरीके से नंबर एक हो सकता है।’

सिंह ने जन प्रतिनिधियों और वरिष्ठ हस्तियों से कार्यकर्ताओं के प्रति सहानुभूति रखने और मुश्किल समय में उनका समर्थन करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि लोगों के जीवन में शांति और खुशी लाना भी एक कर्तव्य है।

उन्होंने कहा, ‘जब मैं किसी के दुख या किसी के निधन के बारे में सुनता हूं, तो मैं सुनिश्चित करता हूं कि अपनी संवेदनाएं व्यक्त करूं। आप सभी को भी ऐसा ही करना चाहिए; उनके घरों में मौजूद रहें और उनके दुख की घड़ी में उनके साथ खड़े रहें।’

बयान में कहा गया है कि रक्षा मंत्री ने कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत की और स्थानीय व्यंजनों का आनंद लिया। कार्यकर्ता उन्हें अपने बीच पाकर रोमांचित थे और उनके साथ तस्वीरें और सेल्फी लेते हुए देखे गए।

भाषा जफर नोमान

नोमान


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