Hidma Encounter Latest News: जवानों को किसने दी थी हिडमा के लोकेशन की जानकारी? एनकाउंटर के 15 दिन बाद नक्सलियों ने ही कर दिया बड़ा खुलासा

जवानों को किसने दी थी हिडमा के लोकेशन की जानकारी? Hidma Encounter Latest News: Naxalites had informed the police about Hidma's location

Hidma Encounter Latest News: जवानों को किसने दी थी हिडमा के लोकेशन की जानकारी? एनकाउंटर के 15 दिन बाद नक्सलियों ने ही कर दिया बड़ा खुलासा

Hidma Encounter Latest News. Image Source- IBC24


Reported By: Naresh Mishra,
Modified Date: December 4, 2025 / 06:36 pm IST
Published Date: December 4, 2025 6:36 pm IST

जगदलपुरः Hidma Encounter Latest News: नक्सलियों की दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी ने एक पत्र जारी कर खूंखार माओवादी माड़वी हिडमा के एनकाउंटर को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। नक्सली प्रवक्ता विकल्प की ओर से जारी इस पत्र में दावा किया गया है कि मुठभेड़ की जानकारी नक्सलियों के ही एक कमांडर कोसाल ने आंध्र प्रदेश पुलिस को दी थी। प्रवक्ता ने कोसाल पर विश्वासघात का आरोप लगाते हुए कहा है कि उसकी मुखबिरी के कारण न सिर्फ हिडमा की मौत हुई, बल्कि करीब 50 नक्सलियों को भी पुलिस ने पकड़ लिया।

Hidma Encounter Latest News: प्रवक्ता विकल्प ने पत्र में लिखा है कि संगठन के अंदर से हुई गद्दारी के कारण नक्सल आंदोलन को नुकसान हुआ है। उन्होंने सरेंडर करने वाले नक्सलियों को “गद्दार” करार देते हुए कहा कि सरेंडर की प्रक्रिया सुरक्षा बलों द्वारा बनाई गई एक रणनीति है, जिसका उद्देश्य संगठन को कमजोर करना है।

माओवादी विकल्प ने किया ये दावा

पत्र में यह भी दावा किया गया है कि 27 अक्टूबर को हिड़मा एक लकड़ी व्यापारी के साथ इलाज के लिए विजयवाड़ा गया हुआ था। वहीं कुछ अन्य साथी भी वहां गए थे। 9 नवंबर को नक्सली साथी कोसाल संगठन से भाग गया था। उसने सीधा तेलंगाना पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया। हिड़मा के जंगल से बाहर निकलने और इलाज के लिए विजयवाड़ा जाने की जानकारी इसे थी। कोसाल के सरेंडर करने के बाद तुरंत किसी माध्यम से हिड़मा को इसकी जानकारी दी गई थी। हिड़मा को 14 नवंबर को जानकारी मिली थी और उसे जंगल आने को कहा गया था। जानकारी मिलते ही हिड़मा सुरक्षित जगह पर जाने की कोशिश कर रहा था। शंकर भी अपने साथियों के साथ बाहर था। हिड़मा और शंकर समेत 13 साथी जब जंगल आ रहे थे तब आंध्र प्रदेश पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया। इन्हें 18 और 19 नवंबर को आंध्र प्रदेश में ही मार दिया गया। मुठभेड़ की झूठी कहानी रची गई।

 ⁠

इन्हें भी पढ़ें: –


लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।