उत्तर प्रदेश में पिछले आठ वर्षों में एक भी नया कर नहीं लगाया गया: योगी

उत्तर प्रदेश में पिछले आठ वर्षों में एक भी नया कर नहीं लगाया गया: योगी

उत्तर प्रदेश में पिछले आठ वर्षों में एक भी नया कर नहीं लगाया गया: योगी
Modified Date: March 4, 2025 / 07:10 pm IST
Published Date: March 4, 2025 7:10 pm IST

लखनऊ, चार मार्च (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने मंगलवार को विधानसभा में वित्त वर्ष 2025-26 के सामान्‍य बजट पर चर्चा में सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि राज्य में पिछले आठ वर्षों में एक भी नया कर नहीं लगाया गया।

योगी ने कहा कि 2025-26 के बजट का आकार 8,08,736 करोड़ रुपये से अधिक का है और यह देश के किसी राज्य की तुलना में सबसे बड़ा बजट है।

उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश पिछले पांच वर्ष से राजस्व अधिशेष स्थिति में है। कर अपवंचन को रोका गया है। ‘रेवेन्यू लीकेज’ को समाप्त किया गया है। डिजिटल प्रणाली अपनाई गई है, जिससे पारदर्शिता बढ़ी है।”

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मुख्यमंत्री ने कहा, “पहले यह राशि विकास और कल्याण में इस्तेमाल नहीं हो पाती थी। आज पाई-पाई प्रदेश हित में उपयोग हो रही है और देश के अंदर सर्वश्रेष्ठ बुनियादी ढांचा देने में सफलता मिल रही है। बीते आठ वर्ष में एक भी नया कर नहीं लगाया। प्रदेश में डीजल-पेट्रोल की दरें देश में सबसे कम हैं, बावजूद इसके उत्तर प्रदेश राजस्व अधिशेष राज्य के रूप में समृद्धि के नये सोपान चढ़ता जा रहा है। इस सफलता के पीछे रामराज्य की अवधारणा ही है।”

उन्होंने “बरसत हरसत सब लखे, करसत लखे न कोय, तुलसी प्रजा सुभाग से, भूप भानु सो होय’ चौपाई सुनाई और कहा कि श्री राम जी भरत से कहते हैं कि हमें प्रजा से कर ऐसे लेना चाहिए, जैसे सूर्य लेता है।

योगी ने कहा कि यह बजट 2016-17 (3.46 लाख करोड़) की तुलना में लगभग ढाई गुना बड़ा है और 2024-25 के बजट के सापेक्ष इसमें 9.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

उन्होंने कहा कि बजट का बढ़ा हुआ आकार सिर्फ व्यय नहीं, बल्कि अंतिम पायदान तक विकास की पहुंच, अवसंरचनात्मक विस्तार, आम जन के जीवन स्तर को ऊपर उठाने, प्रति व्यक्ति आय बढ़ाने और आर्थिक विकास को गति देने का परिचायक होता है।

योगी ने कहा कि बजट के आकार में बढ़ोतरी राज्य के सामर्थ्य के अनुरूप है और यह लोक कल्याण के साथ अर्थव्यवस्था को विस्तार देने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

मुख्यमंत्री ने कहा, “उत्तर प्रदेश में पिछले आठ वर्षों में एक निश्चित विषय के साथ बजट पेश किया गया। 2017-18 का बजट अन्नदाता किसानों, 2018-19 का बजट अवसंरचना एवं औद्योगिक विकास, 2019-20 का बजट महिला सशक्तिकरण, 2020-21 का बजट युवाओं एवं बुनियादी ढांचा विकास और 2021-22 का बजट ‘स्वावलंबन से सशक्तिकरण’ विषय पर केंद्रित था।”

उन्होंने कहा, “2022-23 के बजट का विषय ‘अंत्योदय से आत्मनिर्भरता’ था, तो 2023-24 का बजट प्रदेश के ‘त्वरित, सर्वसमावेशी और समग्र विकास के साथ-साथ आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश की नींव को सुदृढ़ करने वाला’ था। 2024-25 का बजट प्रभु श्री राम को अर्पित था। यह बजट लोकमंगल को समर्पित था।”

योगी ने कहा कि मौजूदा वित्तीय वर्ष का बजट सनातन संस्कृति की ‘सर्वे भवंतु सुखिनः’ की अवधारणा के अनुरूप गरीब, अन्नदाता किसान, युवा और महिला उत्थान को समर्पित है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण को साकार करते हुए “वंचित को वरीयता” इस बजट का केंद्रीय भाव है।

मु्ख्यमंत्री ने कहा कि बजट से अंत्योदय से उन्नत अर्थव्यवस्था तक, ‘ईज ऑफ लिविंग’ से ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ तक, कृषि से गरीब कल्याण तक, आस्था से आजीविका तक, शिक्षा से स्वावलंबन तक, संस्कृति से समृद्धि तक और महिला सशक्तिकरण के संकल्प को समवेत करते हुए एक विकसित उत्तर प्रदेश की राह मजबूत होगी।

योगी ने कहा कि संस्कृति भी आर्थिक विकास का जरिया बन सकती है और प्रयागराज महाकुंभ, अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर और वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ धाम कॉरीडोर ने यह सिद्ध किया है।

भाषा

आनन्द पारुल

पारुल


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