पैरामेडिक्स और स्टाफ नर्स’ उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं के मेरूदंड हैं: योगी आदित्यनाथ |

पैरामेडिक्स और स्टाफ नर्स’ उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं के मेरूदंड हैं: योगी आदित्यनाथ

पैरामेडिक्स और स्टाफ नर्स’ उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं के मेरूदंड हैं: योगी आदित्यनाथ

:   Modified Date:  December 5, 2023 / 08:42 PM IST, Published Date : December 5, 2023/8:42 pm IST

लखनऊ, पांच दिसंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि ‘पैरामेडिक्स और स्टाफ नर्स’ (अर्धचिकित्साकर्मी) प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं के मेरूदंड हैं।

उन्होंने यहां मिशन रोजगार के तहत आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि मरीजों के साथ उनका व्यवहार ऐसा होना चाहिए कि ठीक होने के बाद वे उन्हें हमेशा याद रखें।

मुख्यमंत्री ने मिशन रोजगार के तहत निष्पक्ष एवं पारदर्शी चयन प्रक्रिया के माध्यम से चयनित 278 सहायक आचार्यों, 2142 स्टाफ नर्स, 48 आयुष चिकित्सा शिक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरित किये।

एक सरकारी बयान के अनुसार उन्होंने प्रदेश की स्वास्थ्य सेवा को और बेहतर बनाने के लिए आपातकालीन एंबुलेंस सेवा के अंतर्गत 674 एम्बुलेंस एवं 81 ‘एडवांस लाइफ सपोर्ट’ (एएलएस) एम्बुलेंस को हरी झंडी भी दिखाई।

उन्होंने चिकित्सा शिक्षा से जुड़े व्याख्याताओं, सहायक प्रोफेसरों, एसोसिएट प्रोफेसरों, महाविद्यालयों के प्राचार्यों से नियमित रूप से ओपीडी में बैठने की अपील करते हुए कहा, ‘‘ आप जिन मरीजों को देखते हैं, उनका केस स्टडीज तैयार कीजिए तथा चिकित्सा शिक्षा में सक्रियता से अनुसंधान को बढ़ावा दीजिए।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में पिछले साढ़े छह वर्ष में उत्तर प्रदेश ने अपनी स्वास्थ्य सेवाओं को काफी बेहतर किया है। उनका कहना था कि 1947 से 2017 तक प्रदेश में केवल 12 मेडिकल कॉलेज बन पाए थे जबकि आज उत्तर प्रदेश में 65 मेडिकल कॉलेज हैं, जिनमें कई क्रियाशील भी हो चुके हैं।

रायबरेली और गोरखपुर के एम्स के चालू हो जाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में एलोपैथ के साथ-साथ पारंपरिक चिकित्सा सेवाओं को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि जाति के नाम पर विलाप करने वाले लोग समाज और देश को कमजोर करते हैं।

उन्होंने कहा कि 2017 के पहले प्रदेश में इंसेफेलाइटिस से होने वाली मौतें इनके चेहरों को बेनकाब करती थीं।

उन्होंने कहा कि 40 वर्षों में इंसेफेलाइटिस से पचास हजार से अधिक बच्चों की मौतें हुईं, लेकिन जाति-जाति करने वाले लोग वोट बैंक की राजनीति करते रहे, जो उनकी संवेदनहीनता को प्रदर्शित करती है। आज उत्तर प्रदेश में इंसेफेलाइटिस पूरी तरह से नियंत्रण में है।

उन्होंने कहा कि 2017 के पहले उत्तर प्रदेश में विकास की बात तो दूर, यहां के लोगों के सामने पहचान का संकट था। उनका कहना था कि साढ़े छह वर्षों में हमारी सरकार के द्वारा किए गए कार्यों का नतीजा है कि आज यहां का व्यक्ति अपनी पहचान छिपाता नहीं है, बल्कि जो उप्र का नहीं है, वह भी खुद को उत्तर प्रदेश का बताता है।

भाषा जफर राजकुमार

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)