Home » Uttar Pradesh » A group from Brazil reached Maha Kumbh.. Rudraksha around the neck and 'Shiva' tattoo on the body, will take a holy dip on Mahashivratri
Brazilian in Mahakumbh: महाकुंभ पहुंचा ब्राजील का जत्था.. गले में रुद्राक्ष और शरीर पर ‘शिव’ टैटू, महाशिवरात्रि पर लगाएंगे पवित्र डुबकी
Brazilian in Mahakumbh: महाकुंभ पहुंचा ब्राजील का जत्था.. गले में रुद्राक्ष और शरीर पर 'शिव' टैटू, महाशिवरात्रि पर लगाएंगे पवित्र डुबकी |
Publish Date - February 24, 2025 / 03:18 PM IST,
Updated On - February 24, 2025 / 03:18 PM IST
Brazilian in Mahakumbh | Source : IBC24 Customize
HIGHLIGHTS
महाकुंभ में ब्राजील का जत्था भी पहुंचा जो आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
ब्राजीली श्रद्धालु अब महाशिवरात्रि के पावन स्नान के लिए व्यग्रता से प्रतीक्षा कर रहे हैं।
उनका मानना है कि संगम में स्नान करने से उन्हें आत्मिक शांति और मोक्ष की प्राप्ति होगी।
प्रयागराज। Brazilian in Mahakumbh: प्रयागराज महाकुंभ के 43वें दिन श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा है। अब तक 62 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु संगम में स्नान कर चुके हैं। देश दुनिया के कई लोग महाकुंभ पहुंच रहे हैं। तो वहीं महाशिवरात्रि के कारण भीड़ और बढ़ती जा रही है। इस बीच, महाकुंभ में ब्राजील का जत्था भी पहुंचा जो आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। दो दर्जन से अधिक ब्राजीली युवाओं का यह समूह विशेष रूप से महाशिवरात्रि स्नान के लिए यहां आया है। यह भक्त रियो डी जनेरियो और साओ पाउलो शहरों से जुड़े हैं, जहां भगवान शिव के कई मंदिर स्थित हैं।
ब्राजील के इन श्रद्धालुओं की भक्ति और समर्पण देखते ही बनती है। इनके शरीर पर भगवान शिव से जुड़े विभिन्न प्रतीकों के टैटू गुदे हुए हैं, जिनमें त्रिशूल, डमरू और महाकाल की आकृतियां प्रमुख हैं। पुरुषों के कानों में त्रिशूल के आकार की कुंडलियां और महिलाओं के हाथों में ओम व रुद्राक्ष की माला इनकी भक्ति को और विशेष बना रही हैं। ब्राजीली श्रद्धालु अब महाशिवरात्रि के पावन स्नान के लिए व्यग्रता से प्रतीक्षा कर रहे हैं। उनका मानना है कि संगम में स्नान करने से उन्हें आत्मिक शांति और मोक्ष की प्राप्ति होगी।
ब्राजील ग्रुप की सदस्य इसाबेला ने बताया कि ब्राजील में कयापो समुदाय के लोग शरीर पर धार्मिक प्रतीक का टैटू गुदवाने की परंपरा को मानते हैं, जिससे प्रेरित होकर उन्होंने शिवभक्ति का यह अनूठा स्वरूप अपनाया है। दल के सदस्य बताते हैं कि वह हर वर्ष महाशिवरात्रि के अवसर पर वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन और गंगा स्नान के लिए आते थे, लेकिन इस बार प्रयागराज में महाकुंभ के दिव्य आयोजन की ख्याति सुनकर यहां पहुंचे हैं।
ब्राजील के श्रद्धालु विशेष रूप से महाशिवरात्रि के अवसर पर प्रयागराज महाकुंभ में स्नान करने के लिए आए हैं। उनका मानना है कि संगम में स्नान करने से उन्हें आत्मिक शांति और मोक्ष की प्राप्ति होगी।
2. ब्राजील के श्रद्धालुओं के शरीर पर क्या प्रतीक होते हैं?
ब्राजील के श्रद्धालुओं के शरीर पर भगवान शिव से जुड़े विभिन्न प्रतीकों के टैटू गुदे हुए हैं, जैसे त्रिशूल, डमरू और महाकाल की आकृतियां। पुरुषों के कानों में त्रिशूल के आकार की कुंडलियां और महिलाओं के हाथों में ओम व रुद्राक्ष की माला होती है।
3. ब्राजील के श्रद्धालु कौन से स्थानों से जुड़े हैं?
ब्राजील के इन श्रद्धालुओं का संबंध रियो डी जनेरियो और साओ पाउलो शहरों से है, जहां भगवान शिव के कई मंदिर स्थित हैं। इन्हीं मंदिरों से प्रभावित होकर ये लोग शिवभक्ति की परंपरा का पालन करते हैं।
4. क्या ब्राजील के श्रद्धालु हर साल महाशिवरात्रि पर आते हैं?
हां, ब्राजील के श्रद्धालु हर साल महाशिवरात्रि के अवसर पर भारत आते हैं। वे पहले वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन और गंगा स्नान करने जाते थे, लेकिन इस बार महाकुंभ की दिव्यता और ख्याति को देखकर वे प्रयागराज पहुंचे हैं।
5. महाकुंभ में ब्राजील के श्रद्धालुओं के आने से क्या विशेष संदेश मिलता है?
ब्राजील के श्रद्धालुओं का महाकुंभ में आना भारत के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाता है। यह दिखाता है कि महाकुंभ एक ऐसा आयोजन है जो विश्वभर के भक्तों को आकर्षित करता है और उन्हें भारत की आध्यात्मिकता से जोड़ता है।