Aghora Kali Sadhana in Mahakumbh: दीपों से सजी मानव खोपड़ियां, गूंजते डमरू की धुन.. महाकुंभ में आधी रात को किन्नर अखाड़ा क्यों करता है अघोरा काली साधना? जानें यहां

Aghora Kali Sadhana in Mahakumbh: महाकुंभ में आधी रात को किन्नर अखाड़ा क्यों करता है अघोरा काली साधना? जानें यहां

Aghora Kali Sadhana in Mahakumbh: दीपों से सजी मानव खोपड़ियां, गूंजते डमरू की धुन.. महाकुंभ में आधी रात को किन्नर अखाड़ा क्यों करता है अघोरा काली साधना? जानें यहां

Aghora Kali Sadhana in Mahakumbh। Photo Credit: mahakumbh.in

Modified Date: January 17, 2025 / 10:41 am IST
Published Date: January 17, 2025 10:41 am IST

Aghora Kali Sadhana in Mahakumbh: 13 जनवरी से प्रयागराज महाकुंभ की शुरुआत हो गई है। महाकुंभ का पहला अमृत स्नान (शाही स्नान) मंगलवार सुबह 6.15 बजे से शुरू हुआ। महाकुंभ में शामिल होने के बाद देश ही नहीं दुनियाभर से साधू संत और नामी हस्ती लोग प्रयागराज पहुंच रहे हैं। इसी बीच प्रयागराज में पूर्ण महाकुंभ के दौरान किन्नर अखाड़े में तंत्र विधान के मुताबिक अघोरा काली पूजा की गई, जिसमें नए साधकों को दीक्षा दी गई। तमिलनाडु से आए अघोर साधना गुरु महामंडलेश्वर मणि कान्तन ने पूजा संपन्न कराई।

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जनवरी माह में कड़कड़ाती ठंड के बीच  किन्नर अखाड़े में खुले आसमान के नीचे मानव कपाल पर जलते दीपक और हवन कुंड में धधकती ज्वाला के बीच डमरू की गूंज और थरथराते ओंठो से निकलते मंत्रों के बीच किन्नर अखाड़े की अघोर काली की साधना की गई। किन्नर अखाड़ा से जुड़े नए साधकों को दीक्षा दी गई। यह पूजा किन्नर अखाड़े की तांत्रिक परंपराओं का एक अहम हिस्सा है। एक बड़े हवन कुंड के चारों ओर दीपों से सजी मानव खोपड़ियां, गूंजते डमरू और मंत्रोच्चारण की थरथराती आवाजें माहौल को रहस्यमय और आध्यात्मिक बना रही थीं। यह साधना तंत्र विद्या, आध्यात्मिक शक्ति और आस्था का अद्वितीय संगम थी।

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तमिलनाडु से आए महामंडलेश्वर मणि कान्तन ने इस पूजा को संपन्न कराया। उन्होंने अपने शिष्यों को दीक्षा देते हुए अघोर साधना के महत्व और इसकी परंपराओं को समझाय। मणि कान्तन का कहना है कि यह पूजा अघोर तंत्र की सात्विक पूजा है, जिसमें श्रद्धा और साधना का अद्वितीय संयोजन होता है।

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