मायावती और अखिलेश पर हमलावर हुई आरपीआई-आठवले, कहा: डीपीए के जरिये लायेंगे असली बदलाव

मायावती और अखिलेश पर हमलावर हुई आरपीआई-आठवले, कहा: डीपीए के जरिये लायेंगे असली बदलाव

मायावती और अखिलेश पर हमलावर हुई आरपीआई-आठवले, कहा: डीपीए के जरिये लायेंगे असली बदलाव
Modified Date: December 22, 2025 / 11:18 pm IST
Published Date: December 22, 2025 11:18 pm IST

लखनऊ, 22 दिसंबर (भाषा) रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया-आठावले (आरपीआई-आठवले) ने सोमवार को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके सत्ता में इतने लंबे समय तक रहने के बावजूद दलितों, शोषितों, वंचितों, गरीबों और महिलाओं के लिए शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाओं में कोई खास सुधार नहीं हुआ।

पार्टी ने यह भी दावा किया कि समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा दिया गया पीडीए (पिछड़ा वर्ग, दलित, अल्पसंख्यक) का नारा सिर्फ एक चुनावी वादा बनकर रह गया है, आरपीआई (आठवले) अब डीपीए (दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक) की अवधारणा को जमीन पर मजबूती से लागू करेगी और असली बदलाव लाएगी।

पार्टी द्वारा यहां जारी एक बयान में कहा गया है कि केंद्रीय मंत्री और आरपीआई (आठवले) के अध्यक्ष रामदास आठवले ने सोमवार को पार्टी की उत्तर प्रदेश कार्यकारी समिति की समीक्षा बैठक की।

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बैठक में उत्तर प्रदेश की मौजूदा राजनीतिक स्थिति, दलित, शोषित और वंचित समुदायों की समस्याओं एवं पार्टी के संगठन के विस्तार पर विस्तार से चर्चा हुई।

पार्टी अगले साल पांच अप्रैल को लखनऊ में एक बड़ी रैली आयोजित करेगी।

बयान के अनुसार बैठक में कहा गया कि मायावती के सत्ता में इतने लंबे समय तक रहने के बावजूद दलितों, शोषितों, वंचितों, गरीबों और महिलाओं के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में कोई खास सुधार नहीं हुआ। स्थिति जस की तस बनी हुई है। आरपीआई (आठवले) इन मुद्दों पर सिर्फ नारे नहीं लगाती बल्कि जमीन पर प्रभावी ढंग से काम कर रही है।

बैठक में यह भी कहा गया कि अखिलेश यादव द्वारा दिया गया पीडीए का नारा केवल चुनावी घोषणा बनकर रह गया। जमीन पर इसका कोई ठोस कार्य नहीं दिखाई देता। आरपीआई (आठवले) अब डीपीए (दलित, पिछड़ा, अल्पसंख्यक) की अवधारणा को लेकर जमीन पर मजबूती से उतरेगी और वास्तविक बदलाव लाएगी।

बयान के अनुसार पार्टी एक करोड़ सक्रिय सदस्यों का लक्ष्य भी शीघ्र पूरा होने की ओर अग्रसर है।

अठावले ने सभी कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि वे एकजुट होकर दलित-शोषित समाज के उत्थान के लिए संघर्ष करें।

भाषा सलीम राजकुमार

राजकुमार


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