UP News: ‘फ्रीजर में रख दो..बाद में करेंगे अंतिम संस्कार’, कलयुगी बेटे ने मां का शव लेने से किया इनकार, खबर पढ़कर आपके भी निकल जाएंगे आंसू
UP News: 'फ्रीजर में रख दो..बाद में करेंगे अंतिम संस्कार', कलयुगी बेटे ने मां का शव लेने से किया इनकार, खबर पढ़कर आपके भी निकल जाएंगे आंसू
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- गोरखपुर में बेटों ने मां के शव को लेने से इनकार किया
- पति ने जौनपुर में ही पत्नी का अंतिम संस्कार कराया
- बेटियों ने आग्रह किया कि शव गोरखपुर लाकर अंतिम संस्कार किया जाए
गोरखपुर: UP News मां और बेटे का रिश्ता हमेशा से सबसे खास होता है। यह रिश्ता सिर्फ खून का नहीं, बल्कि एहसासों, भरोसे और अनकहे प्यार का मेल होता है। लेकिन कई बार ये रिश्ता झकझोर भी हो जाता है। ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश से सामने आया है। जहां कलयुगी बेटों ने मां के शव को लेने से इनकार कर दिया।
UP News मिली जानकारी के अनुसार, मामला गोरखपुर का है। दरअसल, यहां रहने वाले भुआल गुप्ता और उनकी पत्नी शोभा देवी के 6 बच्चे तीन बेटे और तीन बेटियां हैं। शोभा और भुआल सभी की शादी कर चुके हैं। कुछ साल बाद उनके बच्चे भी हो गए और दोनों दादा दादी बन गए। जिसके एक साल बाद उनके बड़े बेटे ने दोनों को यह कहकर निकाल दिया आप लोग मेरे घर पर बोझ बन गए हो। बेटे की इस बात से आहत होकर मां बाप भुआल और शोभा दोनों घर से निकल गए।
घर से निकलकर आत्महत्या करने पहुंचे
घर छोड़ने के बाद दोनों ने सुसाइड करने का फैसला लिया। वहां मौजूद एक व्यक्ति ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया। साथ ही अयोध्या जाने पर उन्हें रहने व खाने का ठिकाना मिलने की बात कही। अयोध्या में भी ठिकाना न मिलने पर वह मथुरा पहुंचे। जहां से उन्हें जौनपुर के वृद्धाश्रम का मोबाइल नंबर मिला। नंबर पर कॉल करके बात की। जहां जौनपुर विकास समिति वृद्धाश्रम के रवि कुमार चौबे ने उन्हें शरण दी। वहां पहुंचकर उन्होंने अपने बेटों की करतूत के बारे में बताया था।
इलाज के दौरान हो गई शोभा की मौत
लेकिन हाल ही में शोभा के पैर में लकवा मार गया। उनका प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराया गया। फिर आराम मिलने पर उन्हें वापस ले आया गया। इसके बाद 19 नवंबर को उनकी फिर से तबीयत बिगड़ गई। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
अंतिम संस्कार के लिए बेटे को किया फोन
शोभा की मौत के बाद पति अकेले हो गए। उनके पास अंतिम संस्कार के लिए पैसे भी नहीं थे। जिसके बाद वृद्धाश्रम के हेड रवि ने उनके छोटे बेटे को फोन किया और बताया कि आपकी मां का देहांत हो गया। उनकी अंतिम इच्छा थी कि उनका अंतिम संस्कार गोरखपुर में ही किया जाए। लेकिन मां की मौत की खबर से बेटे को कोई फर्क नहीं पड़ा और मां की मौत की खबर सुनने के बाद भी छोटे बेटे ने कहा कि बड़े भाई के घर पर उनके बेटे की शादी है। उनसे बात करके बताएंगे और फोन रख दिया।
जिसके बाद छोटे बेटे ने कहा कि बड़े भाई कह रहे हैं कि मां के शव को 4 दिन के लिए फ्रीजर में रख दो बेटे की शादी हो जाएगी तो उनका अंतिम संस्कार करवा देंगे। ये सुनकर भुआल और टूट गए और गुस्से में पत्नी के शव का जौनपुर में ही अंतिम संस्कार कराने लगे। फिर उनकी बेटियों ने फोन कर कहा कि मां के शव को गोरखपुर ले आइए। यहीं उनका अंतिम संस्कार कराएंगे।

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