कुशीनगर में कोरोना महामारी के पांच साल बाद चीनी पर्यटकों के आगमन से पर्यटन आय बढ़ने की उम्मीद

कुशीनगर में कोरोना महामारी के पांच साल बाद चीनी पर्यटकों के आगमन से पर्यटन आय बढ़ने की उम्मीद

कुशीनगर में कोरोना महामारी के पांच साल बाद चीनी पर्यटकों के आगमन से पर्यटन आय बढ़ने की उम्मीद
Modified Date: December 26, 2025 / 04:54 pm IST
Published Date: December 26, 2025 4:54 pm IST

कुशीनगर (उप्र) 25 दिसंबर (भाषा) कोरोना महामारी के पांच वर्ष के अंतराल के बाद चीनी सैलानियों के कुशीनगर आने से पर्यटन से होने वाली आमदनी की उम्मीद बढ़ गई है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

कोरोना महामारी की वजह से यात्रा प्रतिबंधों के कारण सैलानियों की आवाजाही बंद थी। अब स्थिति सामान्य होने पर फिर से पर्यटकों का आगमन शुरू हो गया है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को फायदा होने की उम्मीद है।

एक अधिकारी ने कहा कि कोरोना महामारी के पांच वर्ष बाद चीनी सैलानी बुधवार को कुशीनगर पहुंचे तो पुरानी रौनक लौटती दिखी।

 ⁠

उन्होंने कहा कि 21 सदस्यीय चीनी दल ने महापरिनिर्वाण मंदिर में बुद्ध की पांचवीं सदी की शयन मुद्रा वाली मूर्ति का पूजन कर चीवर अर्पित किया और चीन-भारत संबंधों में प्रगाढ़ता व दोनों देशों की खुशहाली की कामना की।

इस चीनी दल का नेतृत्व भिक्षुणी फुजियान डायु कर रहीं थी।

उन्होंने बताया कि उन्होंने बुद्ध के समाधि स्थल रामाभार स्तूप का दर्शन किया व पूजा की। दल फुजियान बुद्धिस्ट मोनास्ट्री (चीन) से 21 दिसंबर को दिल्ली पहुंचा और उसके बाद श्रावस्ती होते हुए बुधवार को यहां आया था।

बृहस्पतिवार को चीनी दल ने बिहार प्रस्थान किया और यह दल वैशाली, राजगिरि, नालंदा, बोधगया होते हुए 30 दिसंबर को बुद्ध के प्रथम उपदेश स्थल सारनाथ का भ्रमण करने के पश्चात चीन के लिए रवाना होगा।

भारत व चीन के संबंध बेहतर हो रहे हैं।

भारत द्वारा वीजा दिए जाने का चीन के लोगों ने स्वागत किया है। अब चीनी पर्यटकों का भारत में आगमन बढ़ेगा। इससे दोनों देशों के बीच मैत्री संबंध और मजबूत होंगे। पर्यटन व्यवसाय पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

पर्यटन अधिकारी डा. प्राणरंजन ने बताया कि नवंबर में बौद्ध धर्म मानने वाले विदेशी श्रद्धालुओं की आमद 1800 के करीब रही लेकिन इनमें म्यांमा और श्रीलंका के लोगों की संख्या ज्यादा थी।

वहीं, द रायल रेजिडेंसी के महाप्रबंधक पंकज कुमार सिंह ने बताया कि छह माह पूर्व ही भारत सरकार ने चीनी पर्यटकों को वीजा जारी करना शुरू किया, इसके बावजूद बौद्ध सर्किट में पर्यटकों की संख्या अपेक्षित नहीं है।

उन्होंने कहा कि इसका कारण चीनी पर्यटकों का नेपाल में बुद्ध की जन्मस्थली लुंबिनी नहीं जा पाना है।

सिंह ने कहा कि यदि पर्यटक भारत आकर नेपाल गए तो भारत आने के लिए पुनः वीजा लेना होगा।

उन्होंने कहा कि इस विसंगति को दूर करने से चीनी पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी। कोरोना महामारी के चलते पांच साल बाद कुशीनगर आने वाला यह पहला चीनी दल है।

पर्यटन अधिकारी ने बताया कि सरकार ने भारत-चीन सीमा विवाद और कोविड-19 के चलते चीनी पर्यटकों के भारत आने पर रोक लगा दी थी।

पर्यटन सीजन के दौरान बड़ी संख्या में चीनी पर्यटक भारतीय बौद्ध सर्किट के साथ बुद्ध की जन्मस्थली लुंबिनी (नेपाल) की यात्रा भारत से करते थे।

विश्व में सबसे ज्यादा बौद्ध अनुयायी (90 प्रतिशत) चीन में हैं। 24 जुलाई 2025 को केंद्र सरकार ने चीनी पर्यटकों को वीजा जारी करने की मंजूरी दी, जिससे चीनी पर्यटक आने शुरू हो गए हैं।

भाषा सं आनन्द जोहेब

जोहेब


लेखक के बारे में