उप्र : अनुशासनहीनता के नोटिस पर पीएसी कांस्टेबल का अजीबोगरीब जवाब सोशल मीडिया पर वायरल

उप्र : अनुशासनहीनता के नोटिस पर पीएसी कांस्टेबल का अजीबोगरीब जवाब सोशल मीडिया पर वायरल

उप्र : अनुशासनहीनता के नोटिस पर पीएसी कांस्टेबल का अजीबोगरीब जवाब सोशल मीडिया पर वायरल
Modified Date: March 5, 2025 / 03:52 pm IST
Published Date: March 5, 2025 3:52 pm IST

मेरठ (उप्र), पांच मार्च (भाषा) मेरठ में प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी (पीएसी) के एक कांस्टेबल ने अनुशासन तोड़ने के आरोप में जारी नोटिस पर अजीबोगरीब जवाब देते हुए दावा किया कि उसकी पत्नी सपने में उस पर हमला करती है और उसका खून पीने की कोशिश करती है, जिससे वह रात को सो नहीं पाता।

कांस्टेबल का पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।

44वीं बटालियन पीएसी के कमांडेंट सचिंद्र पटेल ने बुधवार को ‘पीटीआई—भाषा’ को बताया कि मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि पत्र की प्रामाणिकता, नोटिस प्राप्त करने वाले कांस्टेबल की पहचान और पत्र के वायरल होने की परिस्थितियों की जांच की जा रही है।

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यह मामला बटालियन प्रभारी दलनायक मधुसूदन शर्मा द्वारा ड्यूटी में लापरवाही के आरोप में पीएसी कांस्टेबल को पिछली 17 फरवरी को जारी किए गए नोटिस से जुड़ा है। नोटिस में कांस्टेबल पर 16 फरवरी को सुबह देर से ब्रीफिंग में पहुंचने, अनुचित तरीके से तैयार होने और यूनिट की गतिविधियों में अक्सर अनुपस्थित रहने का आरोप लगाया गया था, जिसे अनुशासन का गंभीर उल्लंघन माना गया था।

नोटिस के जवाब में, कांस्टेबल ने लिखा कि वह अपनी पत्नी के साथ चल रहे विवादों के कारण अनिद्रा से पीड़ित है। उसने दावा किया कि उसके सपनों में उसकी पत्नी उसकी छाती पर बैठती है और उसे मारने के इरादे से उसका खून पीने की कोशिश करती है जिससे वह सो नहीं पाता है और इसी वजह से वह ब्रीफिंग में देर से पहुंचा।

कांस्टेबल ने वायरल पत्र में आगे कहा कि वह अवसाद और चिड़चिड़ेपन के इलाज लिए दवा ले रहा है, और उसकी माँ तंत्रिका विकार से पीड़ित है जिससे उसकी परेशानी और बढ़ गई है।

कांस्टेबल ने अपनी प्रतिक्रिया को एक भावनात्मक दलील के साथ समाप्त किया। उसने कहा कि उसने जीने की इच्छा खो दी है और खुद को भगवान के चरणों में समर्पित करना चाहता है। उसने अपने वरिष्ठ अधिकारियों से अपना दुख समाप्त करने के लिए आध्यात्मिक मोक्ष का और मार्गदर्शन करने का अनुरोध किया।

अधिकारियों ने अभी तक नोटिस और कांस्टेबल के जवाब की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं की है। यह पता लगाने के लिए जांच चल रही है कि पत्र कैसे लीक हुआ और सोशल मीडिया पर कैसे प्रसारित हुआ।

भाषा सं. सलीम पवनेश मनीषा

मनीषा


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