मुजफ्फरनगर, 30 नवंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर की एक फास्ट ट्रैक अदालत ने शामली जिले के एक गांव में पड़ोसी के बेटे की हत्या के आरोप में दोषी पाए जाने पर तीन व्यक्तियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। घटना चार साल पहले खेती की जमीन को लेकर दुश्मनी के कारण हुई थी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार ने दोषी पाए गए इंद्रपाल, मन्नू और सतपाल में से हर एक पर 35,000 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। अदालत ने इन तीनों को मोरमाजरा गांव के निवासी विनोद कुमार के बेटे शिव कुमार की हत्या का दोषी पाया।
अदालत ने कहा कि जुर्माना नहीं चुकाने की दशा में तीनों दोषियों को दो-दो साल की अतिरिक्त जेल की सजा भुगतनी होगी। अभियोजन पक्ष के वकील कमल कांत ने कहा कि मामला 23 मई 2017 का है जब इंद्रपाल के घर में शिव का शव मिला था।
उन्होंने कहा कि विनोद के ससुर ने अपने सारे खेत उसके नाम कर दिए थे जिसके चलते इंद्रपाल को विनोद से ईर्ष्या थी। इंद्रपाल की नजर विनोद के ससुर के खेतों पर थी और उनकी मौत के बाद उसने वह जमीन हथियाने की योजना बनाई थी।
कांत ने बताया कि भूमि विनोद के नाम किये जाने से इंद्रपाल नाराज हो गया और उसने अपने संबंधियों मन्नू और सतपाल के साथ मिलकर विनोद के बेटे शिव की हत्या कर दी।
अभियोजन पक्ष ने शामली जिले के एक गांव पर मुजफ्फरनगर की अदालत के अधिकार क्षेत्र की व्याख्या करते हुए कहा कि कई साल पहले शामली जिले को मुजफ्फरनगर से अलग किये जाने के बाद आज भी शामली की कई अदालतें मुजफ्फरनगर से संचालित होती हैं।
भाषा यश नरेश
नरेश