उप्र: एनसीआर के हिस्सों में ऑटो रिक्शा पर पाबंदी लगा रहे, प्रदूषण नियंत्रण के लिए कार्ययोजना तैयार
उप्र: एनसीआर के हिस्सों में ऑटो रिक्शा पर पाबंदी लगा रहे, प्रदूषण नियंत्रण के लिए कार्ययोजना तैयार
लखनऊ, 22 नवंबर (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में आने वाले उत्तर प्रदेश के हिस्सों में प्रदूषण से निटपने के लिए जिला प्रशासन और परिवहन विभाग की ओर से ऑटो रिक्शा पर पाबंदी लगाई जा रही है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद जिलों में डीजल ऑटो रिक्शा का संचालन पूरी तरह बंद किया जाएगा। इसके अलावा बागपत में डीजल ऑटो रिक्शा का संचालन 31 दिसंबर 2025 तक पूर्णतः बंद करने का निर्णय लिया गया है।
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के इन हिस्सों में बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एक व्यापक और प्रभावी कार्ययोजना तैयार की है।
मेरठ क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण ने प्रतिबंधित वाहनों के लिए नए परमिट जारी करने और परमिट नवीनीकरण पर रोक लगा दी है।
अधिकारियों ने बताया कि मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर और शामली जिलों में भी ऑटो रिक्शा संचालन को चरणबद्ध तरीके से बंद किया जाएगा।
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में तैयार इस कार्य योजना के तहत सड़क की धूल को वायु प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण मानते हुए सड़क के पुनर्विकास, धूल नियंत्रण और साफ-सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने पर विशेष जोर दिया गया है।
सरकारी बयान के अनुसार, इस विस्तृत अभियान के लिए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रमुख सचिव को मुख्य नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
इसमें कहा गया कि राज्य स्तर पर एक परियोजना निगरानी इकाई (पीएमयू) भी गठित की गई है, जिसकी अध्यक्षता इसी विभाग के सचिव करेंगे। इसमें शहरी विकास, लोक निर्माण, आवास एवं शहरी नियोजन तथा औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास विभाग के वरिष्ठ प्रतिनिधि शामिल किए गए हैं, ताकि योजना का सुचारू क्रियान्वयन सुनिश्चित हो सके।
बयान में कहा गया कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण सड़क की धूल कम करने के लिए ‘एंटी-स्मॉग गन’, ‘स्प्रिंकलर’ और यांत्रिक सफाई जैसे उपाय अपना रहे हैं।
भाषा जफर खारी
खारी

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