गाजीपुर, सात अक्टूबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले की एक विशेष अदालत ने आठ वर्षीय एक बालक के साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म कर उसकी हत्या के मामले में मंगलवार को एक व्यक्ति को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई। एक अधिवक्ता ने यह जानकारी दी।
अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता प्रभु नारायण सिंह ने बताया कि जिले की विशेष पॉक्सो अधिनियम अदालत के न्यायाधीश रामअवतार प्रसाद ने आठ वर्षीय बालक के साथ अप्राकृतिक दुराचार करने के बाद उसकी हत्या कर लाश को अपने ही घर में छिपाने वाले अभियुक्त संजय प्रसाद नट को दोषी करार देते हुए मंगलवार को फांसी की सजा सुनाई।
प्रभु नारायण सिंह के अनुसार जिले के गहमर थाना पुलिस में दर्ज कराई गई शिकायत में आरोप था कि 19 फरवरी 2024 को संजय नट पड़ोसी के आठ साल के बालक को अपराह्न तीन बजे अपने घर में ले गया। उसने घर में बालक के साथ अप्राकृतिक दुराचार किया और उसके बाद उसने रस्सी से बालक की गला घोट कर हत्या कर दी और शव को अपने घर के बक्से में छिपा दिया।
पुलिस में दर्ज शिकायत के मुताबिक जब बालक का पिता काम से घर आया तो उसने बालक को खोजना शुरू किया। उसी समय मृत बालक की हम उम्र एक बालिका ने उसके पिता को बताया कि संजय उसे अपने घर में ले गया था। उसके बाद लोग संजय के घर पहुंचे। पुलिस भी पहुंची और वहां बक्से में बंद बालक का शव बरामद हुआ। मामले में पुलिस ने विवेचना आरंभ की।
सिंह ने बताया कि पुलिस ने विवेचना के बाद न्यायालय में आरोप पत्र प्रस्तुत किया। मुकदमा के विचारण के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से कुल आठ गवाहों को प्रस्तुत किया गया। अंतिम गवाह के रूप में बालक के शव का पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सक ने गवाही दी। अदालत ने सुनवाई पूरी कर आरोपी को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई।
भाषा
सं, आनन्द, रवि कांत रवि कांत